(श्याम यादव)मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी लाडली बहनाओं को बार बार  सभा में  यह कहते रहें हो कि वे  ही अगली बार मुख्यमंत्री के तौर पर आपके सामने आएंगे, लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव के बाद यदि भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आती है तो शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री होंगे , इस बात का अभी तक कोई पक्का फैसला नहीं किया गया है
 भोपाल में शिवराज सिंह सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए जब केंद्रीय गृहमंत्री और मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की कमान संभालने वाले अमित शाह से यह सवाल पत्रकारों ने किया तो उनका जो जवाब था ,उससे तो यह साबित होता है कि वर्तमान में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ही है.लेकिन बाद में वह होंगे या नहीं इस बात की कोई गारंटी नहीं है! देखें वीडियो
  उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में विगत कई समय से इस बात की संभावनाएं बार-बार उठती रही  हैं कि पार्टी का  केंद्रीय नेतृत्व शिवराज सिंह से नाराज है और उन्हें बतौर मुख्यमंत्री शीघ्र ही बदला जाएगा!  लेकिन किन्ही कारणों से शिवराज सिंह  को बदला नहीं जा सका और  पार्टी के ना चाहते हुए भी प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर काबिज है। उल्लेखनीय है कि सन 2018 के विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह सरकार को शिकस्त का सामना करना पड़ा था लेकिन 15 महीने के बाद ज्योतिराज सिंधिया गुट के विधायकों द्वारा पाला बदलने से भारतीय जनता पार्टी पुनः सत्ता में आई और शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर मुख्यमंत्री पद पर चुन लिए गए।
 भोपाल में शिवराज सिंह सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश करते समय शिवराज सिंह को क्या पार्टी के सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री बनाया जाएगा के सवाल के जवाब से पहले,  इंदौर में आयोजित बूथ स्तरीय सम्मेलन में भी अमित शाह यह कह चुके हैं कि मध्यप्रदेश में कमल की सरकार बनानी है और देश में मोदी जी की सरकार।चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा शिवराज सिंह होंगे यह पूछने पर उन्होंने सामूहिक नेतृत्व में मोदीजी के चेहरे पर चुनाव लडने की बात कही थी।
 तब  भी राजनीति के जानकारों ने यह सवाल उठाया था कि क्या प्रदेश के चुनाव के बाद मुख्यमंत्री को बदल दिया जाएगाऔर शिवराज बस चुनाव तक ही मुख्यमंत्री रहेंगे। लेकिन तब भाजपा ने यह कहकर अपना दामन बचा दिया था कि इस बार चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़े जाएंगे जिनमें भारतीय जनता पार्टी की नीतियां और उनके कामकाज जनता के बीच में रखे जाएंगे।
 इस तरह मुख्यमंत्री का चेहरा शिवराज सिंह का नहीं होगा यह तो साबित कर दिया गया था। उसके करीब 1 महीने बाद ही कल भोपाल में जब शिवराज सिंह सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश किया गया तब  भी अमित शाह ने पत्रकारों के पूछे जाने पर जवाब दिया उससे तो यह साबित हो गया कि शिवराज सिंह चौहान भारतीय जनता पार्टी सत्ता में दोबारा आती है तो मुख्यमंत्री नहीं होंगे!
      लेकिन अमित शाह का जवाब सीधा नहीं था उन्होंने बड़े ही नपे तुले  शब्दों में इशारा कहते करते हुए यह बात कही। उनसे पत्रकारों ने पूछा कि आपने आज शिवराज सिंह सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश किया है तो क्या चुनाव के बाद शिवराज सिंह चौहान को ही मुख्यमंत्री चुना जाएगा?
 उनका जवाब था यह पार्टी का काम है उसे आप क्यों करते हैं? पार्टी को ही करने दीजिए! अभी शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री है और हम चुनाव में हैं ।
उनके जवाब यह कहीं नहीं था कि जी हां मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ही बनेंगे !
 राजनीति के जानकारों का मानना है कि अमित शाह का एक नहीं,दो दो बार कहना कि प्रदेश में कमल की सरकार  बनाइए और मुख्यमंत्री का निर्णय पार्टी पर छोड़ दीजिए ।
मतलब कहीं भी शिवराज सिंह चौहान को पुनः मुख्यमंत्री बनने के संकेत नहीं दिए।
 उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के इस कार्यकाल में शिवराज सिंह चौहान को लेकर पार्टी  में असंतोष और उन्हें बदलने की मांग  दिल्ली तक जाती रही है।
 प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में आंतरिक असंतोष और गुटबाजी और  नाराजगी उभरकर बाहर भी आई। ज्योतिराज सिंधिया के  भारतीय जनता पार्टी में आने के बाद यह गुटबाजी और भी तेज हो गई ।भीतर ही भीतर शिवराज सिंह से पार्टी में नाराजगी भी बढ़ती चली गई। कहा तो जाने लगा कि मध्यप्रदेश में भाजपा तीन गुटों में बंटी हुई है। नाराज भाजपा.. महाराज भाजपा और शिवराज भाजपा।
 इस बीच पार्टी में अपनी और कार्यकर्ताओं  की उपेक्षा के कारण  पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कैलाश जोशी के पुत्र दीपक जोशी ने पार्टी को छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया। इसी के साथ जनसंघ के समय से पार्टी के कार्यकर्ता रहे पूर्व विधायक मंत्री भंवर सिंह शेखावत का नाराज होना किसी से छिपा नहीं है। हालांकि वे कांग्रेस
में नहीं जा रहे हैं इस बात की उन्होंने घोषणा भी कर दी, लेकिन इनके अलावा कई ऐसे नेता हैं जो भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं।
अब जब कि अमितशाह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को दरकिनार करते हुए राज्य के चुनाव की पूरी कमान अपने हाथों में ले ली है और दोनों जगह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में यह कहना किअगला मुख्यमंत्री कौन होगा यह पार्टी फैसला करेगी यानी शिवराज पुनः मुख्यमंत्री होंगे यह तय नहीं है।