सांसदों की वोटिंग से तय होगा नया नाम

इंदौर/नई दिल्ली। देश को नया उपराष्ट्रपति 9 सितंबर को मिलेगा। मतदान और मतगणना एक ही दिन होगी। यह चुनाव पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद कराया जा रहा है। धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से 21जुलाई क़ो पद छोड़ा था।

इस बार मुकाबला एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन और विपक्ष समर्थित पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच है। राधाकृष्णन महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल और भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं, जबकि रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रह चुके हैं। रेड्डी ने चुनाव को “भारत की आत्मा के लिए संघर्ष” बताते हुए सांसदों से समर्थन मांगा है। AIMIM ने भी उन्हें समर्थन देने का एलान किया है।

ये भी पढ़े:

कानून और न्याय: राज्यपाल क्या न्यायाधीश की तरह काम कर सकते हैं?

उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के करीब 782 सांसद मतदान करेंगे। यह मतदान गुप्त मतपत्र और एकल संक्रमणीय मत प्रणाली के आधार पर होगा। इसमें सांसद उम्मीदवारों को वरीयता क्रम में चुनते हैं और आवश्यक कोटा पाने वाला प्रत्याशी विजेता घोषित होता है।

राजनीतिक समीकरणों की बात करें तो भाजपा और एनडीए के पास संख्या बल का स्पष्ट फायदा है। बावजूद इसके, विपक्ष इस चुनाव को प्रतीकात्मक लड़ाई के रूप में देख रहा है। परिणाम जो भी हो, यह चुनाव देश की राजनीति में एक बड़ा संदेश देने वाला होगा।

राजनीति:इंदौर में क्या बोले दिग्विजय सिँह देखें वीडियो

मध्य प्रदेश से जुड़े सांसदों की नज़रें भी इस चुनाव पर टिकी रहेंगी। सभी सांसदों का वोट इस चुनाव में बराबर महत्व रखता है और यही तय करेगा कि देश का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा।