सन १९६६ में एक फिल्म आई थी। फिल्म का नाम था “मेरा साया”।कलाकर थे सुनील दत्त और साधना।इस फिल्म का एक गीत उस समय काफी लोकप्रिय हुआ था और आज भी जब वह गीत कभी रेडियो या अन्य जगह बजता है तो उसकी खनक कानों से दिल में उतर जाती है।
गीत था ‘झुमका गिरा रे, बरेली के बाजार में…’ गीत को साधना पर फिल्माया गया था। मदन मोहन के संगीत में इसे आशा भोसले ने अपनी मादकता भरी आवाज़ में बाखूबी गाया था।गीत राजामेहंदी अली खान ने लिखा था।
आप सोच रहे होंगे कि इस गीत में ऐसा क्या है ?यही बता रहे है दूरदर्शन इंदौर के श्रोता अनुसंधान केंद्र के प्रमुख श्री प्रवीण नागदिवे।उन्होंने ये जानकारी सोशल मीडिया से संकलित की है।
झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में गीत के बाद बरेली शहर का नाम हर आदमी की जुबां पर चढ़ गया था। बरेली को एक नई पहचान मिली थी। गीत के 54 सालों बाद बरेली शहर में बाकायदा एक चौराहे का नामकरण झुमका चौराहा किया गया है :
सन 2020 में यानी गीत आने के 54 वर्षों बाद इसे बरेली विकास प्राधिकरण ने शहर में एनएच 24 पर जीरो प्वाइंट पर लगाया गया है। साथ ही इसे झुमका तिराहा नाम दिया गया है।
बताया जाता है शहर में झुमका लगाने की पहली पहल 90 के दशक में हुई थी। तब बीडीए( बरेली डेवलेप अर्थटी) ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से दिल्ली-बरेली मार्ग 24 पर ‘झुमका’ तिराहा की मांग की थी। इस तिराहे पर 2 क्विंटल (200 किग्रा) का झुमका 14 फीट ऊंचे खंभे पर लगाया गया है। इसे बनाने में पीतल और तांबे का इस्तेमाल किया गया है। ऐसा कहा जा रहा है किउस समय इसकी लागत करीब 18 लाख रुपए आई थी। गुड़गांव के एक कलाकार ने इसे तैयार किया है।
बताया जाता है जब इसका उद्घाटन उस समय के केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार द्वारा किया गया था। तब आयोजन में आए सभी लोगो को एक एक झुमका स्मृति स्वरूप दिया गया था।
(यदि आपके पास भी ऐसी कोई रोचक जानकारी है या आपने संग्रहित की है,जो आपको लगता है कि उसे पाठक के पास जाना चाहिए, तो आप भी अपने चित्र के साथ वो जानकारी हमे व्हाट्सएप पर शेयर कर सकते हैं है उसे प्रकाशित करेंगे।)