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न्याय और कानून: किसी भी मामले में सीबीआई जांच के लिए राज्य की सहमति जरूरी

विनय झैलावत (पूर्व असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल एवं वरिष्ठ अधिवक्ता) का कॉलम सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि एक बार जांच पूरी हो जाने, आरोप पत्र दाखिल हो जाने और मजिस्ट्रेट द्वारा संज्ञान लिए जाने के बाद ऐसी आपत्तियों का इस्तेमाल कार्यवाही को अमान्य करने के लिए नहीं किया जा सकता। इसका अपवाद वहां […]

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