इस नाटक के पहले मंचन में पु.ल. देशपांडे ने भी काम किया
इंदौर। सानंद न्यास के पांच दर्शक समूहों के लिए जाने-माने मराठी लेखक पु.ल. देशपांडे के नाटक ‘सुंदर मी होणार’ का मंचन 10, 11 और 12 अक्टूबर को स्थानीय देवी अहिल्या विश्वविद्यालय सभागृह खंडवा रोड इंदौर में होगा। पहली बार इस नाटक का प्रयोग 30 अप्रैल 1958 को हुआ था, जिसमें खुद पुल देशपांडे ने अभिनय किया था।
टीवी कलाकारों द्वारा अभिनीत इस नाटक के कलाकार हैं अभिजीत चव्हाण, स्वानंदी टिकेकर, अमोल बावडेकर, श्रुति पाटिल, सर्जन देशपांडे, विराजस ओढेकर, आस्ताद काळे, श्रुजा प्रभुदेसाई। इस नाटक के लेखक पुल देशपांडे, निर्देशक राजेश देशपांडे, नेपथ्य संदेश बेंद्रे संगीत मिलिंद जोशी, प्रकाश योजना, अथर्व गोखले, वेशभूषा मंगल केंकरे, सूत्रधार नितिन नाईक और निर्माता आकाश भडसावळे, करण देसाई।
सानंद न्यास के अध्यक्ष जयंत भिसे एवं मानव सचिव संजीव वावीकर ने बताया कि इस नाटक का प्रथम प्रयोग 30 अप्रैल 1958 को हुआ जिसमें स्वयं पु.ल. देशपांडे व सुनीता बाई साथ में दाजी भटावडेकर, विजय जयवंत, आत्माराम भिड़े, काशीनाथ घाणेकर जैसे नामी कलाकारों ने काम किया। बाद में डॉ श्रीराम लागू, वंदना गुप्ते, डॉ गिरीश ओक, रवि पटवर्धन, कविता लाड जैसे कलाकारों ने विजय केंकरे के दिग्दर्शन में नाटक का मंचन किया। आकाश कारण ने इस कलात्मक नाटक को सुंदर रूप से प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह रहे हैं।
सानंद न्यास के भिसे एवं वावीकर ने बताया कि 3 दिन एवं 5 प्रयोगों में होने वाले नाटक सुंदर मी होणार का मंचन 10 अक्टूबर शुक्रवार को मामा मुजुमदार समूह के लिए सायं. 6.30 बजे, 11 अक्टूबर शनिवार को रामुभैय्या दाते समूह के लिए अपराह्न 4 बजे, सायं 7.45 बजे राहुल बारपुते समूह के लिए, इसी प्रकार 13 अक्टूबर, रविवार को वसंत समूह के लिये अपराह्न 4 बजे एवं सायं 7.45 बजे बहार समूह के लिए होगा।
