इंदौर।(श्यामयादव )शिवराज सरकार भले ही जमीनों को अतिक्रमण से मुक्त कराने का अभियान चला रही हो मगर ,खुद मुख्यमंत्री के सपनो के शहर इंदौर में वन विभाग की जमीनों पर अतिक्रमण किया जा रहा है। खुद वन विभाग को भी इन अतिक्रमण की जानकारी है और वह केवल सूची बना कर उच्च अधिकारियों को सूचित कर चुप बैठा हुआ है।
जानकारी के अनुसार इंदौर वन मंडल में 70से अधिक स्थानों पर जंगल की जमीन पर कब्जा किया जा चुका है।वन विभाग की चोरल, मानपुर महू में लगभग 680 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा हो चुका है। यह कब्जा लगातार जारी है।
सूत्रों ने बताया कि अधिकांश कब्जा करने की शुरुआत इलाके में खोपड़ी बनाने से होती है। करीब 30 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर बड़ी तादाद में झोपड़े बन गये। वन विभाग का कहना है कि अतिक्रमण करने वालों को राजनैतिक संरक्षण मिला हुआ है और उसके कारण जमीनें खाली नहीं कराई जा सकती है।
वन विभाग के सूत्रों की माने तो महू, मानपुर और चोरल रेंज में 850 से अधिक कब्जे हो चुके हैं इसमे वन विभाग की 1600 एकड़ जमीन घेरी जा चुकी है। वन विभाग जब भी कब्जे हटाने का प्रयास करता है तो स्थानीय रहवासियों और अन्य लोगों के आगे कार्यवाही संभव नहीं हो पाती है। यह कब्जे अब धीरे धीरे बढ़ते जा रहे हैं और इसी कारण जंगलों का आकार भी कम हो रहा है।
मानपुर और महू में 680 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा होने के बाद पक्के मकान भी बनाये जा रहे हैं। साथ ही कई लोग जंगलों में जाकर लकड़ी काटकर जला रहे हैं।
पिछले दो वर्षों में इंदौर के ही जंगलों में 70 एकड़ जमीन पर कब्जा हो चुका है। वन विभाग ने इस मामले में भोपाल मुख्यालय को भी पल लिखे है और कार्रवाई के लिए मदद मांगी है। हालांकि इसके बाद भी कार्रवाई को लेकर कोई कदम नहीं उठ रहे हैं।