सीहोर । कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के आश्रम कुबेरेश्वर धाम में शुक्रवार को दूसरे दिन भी कुबेरेश्‍वर धाम में श्रद्धालुओं का तांता लगा है।

उल्लेखनीय है कि ‍कल व्यवस्‍थाओं के चरमराने के बाद गुरुवार देर रात समिति की तरफ से फिलहाल रुद्राक्ष का वितरण रोक दिया गया। इस दौरान हुई आपाधापी में एक महिला की मौत हो गई थी। 15 से ज्यादा लोग लापता है।

इसके बावजूद शुक्रवार सुबह से ही लोग कुबेरेश्‍वर धाम पहुंचने लगे हैं। आज भी लोग रुद्राक्ष पाने की आस में कुबेरेश्‍वर धाम में जमा हैं। जो लोग बसों, ट्रेनों में पहले ही कुबेरेश्‍वर धाम आने के लिए टिकट बुक करा चुके थे, उनके आने का सिलसिला जारी है। प्रशासन भी श्रद्धालुओं की भीड़ को रोक पाने में लाचार नजर आ रहा है। इससे कुबेरेश्‍वर धाम के आसपास के किसानों को भी दिक्‍कत हो रही है, जिनके खेतों से होकर श्रद्धालु आ रहे हैं और उनके खेत में खड़ी चने की फसल को भी तोड़कर खा रहे हैं।

बताया जाता है कि कल मची अफरातफरी के बीच करीब 15 लोग लापता हो गए। लोग अपनोंं की तलाश में कोतवाली के चक्‍कर काट रहे हैं, लेकिन उन्‍हें ज्‍यादा मदद नहीं मिल पा रही है।

Festival of Mismanagement : सीहोर में जो हुआ, वो सिर्फ प्रशासन की बदइंतजामी नतीजा !

सात दिवसीय रुद्राक्ष महोत्सव के पहले दिन गुरुवार को ही अनुमान से कहीं अधिक लोगों के पहुंचने से हालात बिगड़ गए। शुक्रवार को दूसरे दिन भी कुबेरेश्‍वर धाम में श्रद्धालुओं का तांता लगा है। हालांकि उम्‍मीद से अधिक भारी तादाद में श्रद्धालुओं के पहुंचने पर व्‍यवस्‍थाओं के चरमराने के बाद गुरुवार देर रात समिति की तरफ से फिलहाल रुद्राक्ष का वितरण रोक दिया गया। इसके बावजूद शुक्रवार सुबह से ही लोग कुबेरेश्‍वर धाम पहुंचने लगे हैं। आज भी लोग रुद्राक्ष पाने की आस में कुबेरेश्‍वर धाम में जमा हैं। जो लोग बसों, ट्रेनों में पहले ही कुबेरेश्‍वर धाम आने के लिए टिकट बुक करा चुके थे, उनके आने का सिलसिला जारी है। प्रशासन भी श्रद्धालुओं की भीड़ को रोक पाने में लाचार नजर आ रहा है। इससे कुबेरेश्‍वर धाम के आसपास के किसानों को भी दिक्‍कत हो रही है, जिनके खेतों से होकर श्रद्धालु आ रहे हैं और उनके खेत में खड़ी चने की फसल को भी तोड़कर खा रहे हैं। बताया जाता है कि कल मची अफरातफरी के बीच करीब 15 लोग लापता हो गए। लोग अपनोंं की तलाश में कोतवाली के चक्‍कर काट रहे हैं, लेकिन उन्‍हें ज्‍यादा मदद नहीं मिल पा रही है।