सुप्रीम कोर्ट को भी धोखा दिया इंदौर के भूमाफियाओं ने

इंदौर । भूमाफियाओं के हौसले कितने बुलंद है इसका सबसे ताजा उदाहरण देखने को मिला है जब प्रशासन द्वारा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सरेंडर कराई गई सेटेलाइट हिल्स कॉलोनी की जमीन पर ही भू माफियाओं ने परवारे प्लॉट बेच दिए। इनमे से उन पीड़ितों को प्लाट दिए जाना थे जो सालों से अपने घर के सपने को लेकर दर दर की ठोकरे खा रहे थे । मामले की शिकायत इंदौर कलेक्टर और पुलिस कमिश्नर को हुई है।

मामले की शिकायत रितेश अजमेरा और नितेश चुघ ने की है । उन्होने अपनी शिकायत में बताया कि 12 नवंबर 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट निर्देश दिए थे कि सेटेलाइट हिल्स कॉलोनी से जुड़े विवादों का समाधान कर पीड़ित भूखंड धारकों को न्याय दिलाया जाए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पश्चात तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह की अगुवाई में एक कमेटी बनी थी इस कमेटी ने पाया की सेटेलाइट इन्फ्रा द्वारा 26 रजिस्ट्री गलत ढंग से कर दी गई है कलेक्टर ने न सिर्फ रजिस्ट्री को कैंसिल किया बल्कि अरुण डगरिया, अतुल सुराणा व अन्य के खिलाफ तेजाजी नगर थाने में प्रकरण भी दर्ज करवा दिया था। साथ ही इस जमीन को भी सरेंडर कर लिया था । इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई ।

जमीन सरेंडर करने के बाद भी इधर सेटेलाइट हिल्स इंफ़्रा से जुड़े अमित टोंग्या ने 6 और रजिस्ट्री 2024 में कर दी । इस मामले में आरोप लगाया गया कि अमित टोंग्या के साथ संगमत होकर सुरेश चोपड़ा, अरुण डागरिया, अतुल सुराणा ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर इसी सरेंडर की गई जमीन में से बत्तीस बत्तीस सौ स्क्वायर फुट के 6 भूखंडों को बेच दिया। इन भूखंडों को फारूक पटेल, असलम पटेल, शायना पटेल, शबाना पटेल, धर्मेंद्र जाट, ईशाक पटेल, सिमरन अग्रवाल, आरती महेंद्र और अब्दुल हाफिज के नाम पर बेचा गया। भूखंड क्रमांक 16, 17, 485, 486, 487, और 488, की ये सारी रजिस्ट्री साल 2024 के अलग-अलग महीनों में की गई ।

आरोप लगाया गया है कि रजिस्ट्रियों को उप-पंजीयक कार्यालय इंदौर-2 की मिलीभगत से पूरा किया गया। इन रजिस्ट्रियों के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया गया, । शिकायत में यह भी आरोप है कि उप-पंजीयक वर्षा परिहार ने इन रजिस्ट्रियों को मंजूरी देने में अहम भूमिका निभाई। आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों का निर्माण किया और अवैध लाभ अर्जित करने के उद्देश्य से भूखंडों की बिक्री की। यह मामला सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ हाईकोर्ट के आदेशों की भी अवहेलना करता है।

शिकायतकर्ताओं ने इंदौर कलेक्टर व इंदौर पुलिस आयुक्त से आग्रह किया है कि सभी अवैध रजिस्ट्रियों को तुरंत रद्द किया जाए। तथा अमित टोंग्या, सुरेश चोपड़ा, अरुण डागरिया, अतुल सुराणा, उप-पंजीयक वर्षा परिहार और अन्य दोषियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।