इंदौर। रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ)रेलवे संपत्ति और यात्रियों के समान  की सुरक्षा,ने साथ इन दिनों  महिलाओं और बच्चों की तस्करी को रोकने के कार्य भी कर रहा है। रेलवे परिसर से बचाए गए बच्चों को उनके परिवारों से मिलाने के लिए आरपीएफ ने एक अनूठी पहल की शुरुआत की है।

रेलवे परिसर से बचाए गए बच्चों को उनके परिवारों से मिलाने के लिए आरपीएफ ने एक अनूठी पहल की शुरुआत की है। बचाए गए ऐसे बच्चों के परिवारों और रिश्तेदारों का पता लगाने के लिए भारतीय रेल की आधिकारिक वेबसाइट पर एक लिंक बनाया गया है। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर  के अनुसार रेल सुरक्षा बल द्वारा विभिन्न कारणों से अपने परिवार से बिछड़े और खोए हुए बच्चों की पहचान करने और उन्हें बचाने का नेक कार्य किया जा रहा है।

इसी दिशा में एक गहन अभियान ‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’

ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर पाए जाने वाले देखभाल और सुरक्षा के जरूरतमंद बच्चों को बचाने के लिए भारतीय रेल द्वारा शुरू किया गया है और इसके उल्लेखनीय परिणाम भी सामने आ रहे हैं। वर्ष प्रकोष्ठ 2022 के दौरान ऐसे 17,750 से अधिक बच्चों को आरपीएफ जवानों द्वारा बचाया गया है। ठाकुर ने आगे बताया कि ऐसे बच्चों के हित और कल्याण के लिए बचाए गए इन बच्चों की जानकारी और विवरण ट्रैक चाइल्ड पोर्टल-3.0 में अपलोड किए जा रहे हैं और इसका का लिंक भारतीय रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।