इंदौर। जिले में रियल एस्टेट के कारोबार से जुड़े लोगों के लिए बुरी खबर है। सरकार ने जनवरी से अब तक करीबन 32 परियोजनाओं के रजिस्ट्रेशन आवेदनों को निरस्त कर दिया है। कालोनाइजर/बिल्डर अब इन परियोजनाओं के तहत व्यवसाय नहीं कर सकेंगे। भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने आवेदन निरस्त किए हैं और ग्राहकों को सलाह दी है कि 32 परियोजनाओं में किसी तरह की खरीदी या बुकिंग न करें। शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्र की परियोजनाएं सबसे ज्यादा हैं। वर्षों से शहर में कई वैध
कालोनियों में अपने प्लाट के लिए सैकड़ों लोग प्रशासन से गुहार कर रहे हैं। मगर बिल्डरों, कालोनाइजरों की लापरवाही से लोगों को 30 से 40
साल बाद भी अब तक प्लाट नहीं मिले। भूमाफिया करोड़ों-अरबों रुपए कमाकर बैठ गए। प्रशासन और पुलिस के साथ सहकारिता विभाग भी न्याय नहीं दिला पाया। अब रेरा ने जिले में 32 परियोजनाओं अर्थात कालोनियों में प्लाट की खरीदी को लेकर ग्राहकों को सलाह दी है कि इन परियोजनाओं में खरीदी न करें। रेरा ने रजिस्ट्रेशन आवेदन निरस्त कर दिए हैं। जिन कालोनियों के आवेदन निरस्त हुए हैं उनमें श्रीनाथ हिल्स, महू वायब्रेट विनी कमर्शियल, बिचौली हप्सी, द लैंड मार्क स्कीम नं. 94 खजराना, श्री विहार सांवेर, स्काय फ्लोरेस निपानिया, बृजविहार ग्राम पंजडोरिया, सनफ्लावर वेली उमरिया, कॉरडोर इंडस्ट्रीयल पार्क टिगरिया बादशाह, तुलसी | एनक्लेव किशनगंज, भूमि सोलिटायर पिपल्याहाना, रुचि एनक्लेव निपानिया, ड्रीम विक्टोरिया पालाखेड़ी, शांती मार मेला महू,टोरियां पार्क सांवेर,  मिलन ग्रांड बिचौली  हप्सी, श्रीकृष्णा शंखेश्वर सिटी,जाखिया, साहिल सत्यराज, बसंत बिहार कालोनी, होम साल्यूशन ,खजराना आदि कालोनी है।