इंदौर।प्रदेश सरकार की मंत्री उषा ठाकुर जो कि महू से विधायक है, का इस बार महू में विरोध हो रहा है। लेकिन उनके अब तक का राजनीतिक इतिहास बताता है कि वे कभी भी अपनी जीती हुई सीट से दुबारा चुनाव में नहीं लड़ी !हर बार उन्हें नया क्षेत्र दिया जाता है और वे विजयी होती हैं।
उषा ठाकुर ने अपने राजनीतिक जीवन में तीन विधानसभा चुनाव लड़े हैं। और जीते भी । भाजपा में फायर ब्रांड नेता की पहचान मानी जाने वाली उषा ठाकुर ने तीनों चुनाव अलग-अलग सीटों से लड़े हैं.
सन 2003 में उषा ठाकुर ने पहली बार भाजपा के टिकट पर इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-1 से विधानसभा चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के विधायक रामलाल यादव (भल्लू यादव) को पराजित किया था.
लेकिन 2008 में उन्हें टिकिट नहीं दिया गया।लेकिन2013 में उषा ठाकुर को इंदौर विधानसभा क्षेत्र 3 से बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया और यहां पर भी उषा ठाकुर ने पिछले 15 सालों से कांग्रेस के विधायक रहे अश्विन जोशी शिकस्त दी. फिर 2018 में बीजेपी ने विधानसभा 1और3दोनों को छोड़ कर उषा ठाकुर को महू से मैदान में उतारा।
नया क्षेत्र होने के बावजूद भी ठाकुर ने महू विधानसभा में कांग्रेस के कद्दावर नेता अंतर सिंह दरबार को तकरीबन 6000 मतों से हराया। . यही वजह रही कि 2020 में जब शिवराज सिंह चौहान ने दोबारा सरकार बनाई तो उषा ठाकुर को उनके मंत्रिमंडल में जगह दी गई. ये भी पढ़े:
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लेकिन 2023 के विधानसभा चुनावों के पहले ही उषा ठाकुर का महू विधानसभा में बाहरी प्रत्याशी बना कर विरोध सामने आ गया। इसके पोस्टर भी चस्पा किए गए।
अब देखना ये होगा की पार्टी उन्हें किस विधानसभा सीट से आजमाएगी ?क्योंकि उषा ठाकुर हर बार नई सीट से चुनाव लड़ती है और जीतती आईं हैं।