इंदौर।इंदौर की 9विधानसभा सीटों में से  4विधानसभा सीटों पर जीत हार को अल्पसंख्यक वोट प्रभावित करेंगे।  इंदौर में करीब साढ़े 3 लाख वोट अल्पसंख्यकों के हैं।कांग्रेस को अपनी जीत में सबसे ज्यादा भरोसा अल्पसंख्यक वोटरों का है।

आंकड़ों को देखें तो इंदौर विधानसभा-5 के अलावा इंदौर-1, इंदौर-3 और राऊ में भी हार-जीत का फैसला अल्पसंख्यक वोट ही करते हैं। अभी इनमें 2 भाजपा और 2 कांग्रेस के पास है।

इंदौर-1 और राऊ कांग्रेस के पास है और इंदौर-3 और इंदौर-5 भाजपा के पास। यही कारण है कि दोनों पार्टियों के नेता वोटों का संतुलन अपने पक्ष में करने में जुटे हैं। अल्पसंख्यक मतदाताओं में भाजपा ने अलग रणनीति पर काम किया। यहां भाजपा की कोशिश रही कि मुस्लिम महिलाओं के वोट लाडली बहना के नाम पर अपने पक्ष में किए जाएं! लेकिन, नए मतदाताओं का नजरिया क्या होता है, इस बात का आकलन कोई नहीं कर पा रहा।

अल्पसंख्यक वोटों का असर

इंदौर-1: यहां के 3,63,648 मतदाताओं में से 20 प्रतिशत अल्पसंख्यक वोटर हैं। यहां के वार्ड क्रमांक-2और 8 अल्पसंख्यक बहुल वाले हैं। वार्ड-1 और 3 में भी इन वोटरों की संख्या ज्यादा है। चार में से 3 वार्ड शहर के सीमावर्ती इलाके हैं। इस सीट से संजय शुक्ला कांग्रेस से विधायक हैं। वे 2018 का चुनाव 8163 वोट से जीते थे। इस बार संजय शुक्ला के सामने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय हैं।

इंदौर-3: यहां के 1,87,161 मतदाताओं में से 30 प्रतिशत अल्पसंख्यक हैं। वार्ड-58 और 60 में अल्पसंख्यकों की संख्या ज्यादा है। वार्ड 56, 59 और 61 में भी अल्पसंख्यक आबादी फैसले की स्थिति में है। इस सीट से 2018 में भाजपा के आकाश विजयवर्गीय पिछला चुनाव जीते थे। इस बार यहां भाजपा के राकेश (गोलू) शुक्ला और कांग्रेस के दीपक (पिंटू) जोशी उम्मीदवार हैं। 2018 में अल्पसंख्यक इलाकों में कम मतदान हुआ था और भाजपा 5751 वोटों से जीती थी। नगर निगम चुनाव में अल्पसंख्यक क्षेत्रों में वोटिंग बढ़ने से भाजपा की जीत का अंतर घटकर 3 हजार हो गया था।

इंदौर-5: यहां के 4,12,048 मतदाताओं में से 37प्रतिशत (1.30 लाख) अल्पसंख्यक मतदाता हैं। वार्ड 38, 39 और 53 अल्पसंख्यक आबादी बहुल वार्ड हैं। बार्ड 40, 43, 50 और 52 में भी अल्पसंख्यक मतदाता हैं। पिछले चुनाव में भाजपा के महेंद्र हार्डिया को 1133 वोटों की जीत मिली थी। नगर निगम चुनाव में भाजपा यहा 5 हजार वोटों से हारी थी। वार्ड 38 और वार्ड 39 में भाजपा को लगभग 25 हजार वोटों से पराजय मिली थी।

राऊः यहां के 3,56,653 मतदाताओं में लगभग 20 प्रतिशत वोटर अल्पसंख्यक हैं। वार्ड-75 और बांक पंचायत में सबसे ज्यादा अल्पसंख्यक आबादी है। वार्ड 76, 77, राऊ नगर पंचायत और बिहाड़िया पंचायत में भी अल्पसंख्यक मतदाता हैं।(साभार सुबह सवेरे)