INDORE.23 वर्ष पुराने इंदौर के मेघदूत उपवन घोटाला मामले में तत्कालीन तीन पार्षदों सहित नौ आरोपितों को विशेष न्यायालय ने तीन-तीन वर्ष का कठोर कारावास सुनाया। वहीं, पांच-पांच हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित भी किया।

आरोपितों के नाम तत्कालीन सहायक शिल्पज्ञ सुरेश कुमार जैन, तत्कालीन उद्यान अधीक्षक अमानुल्ला खान, तत्कालीन पार्षद राजेन्द्र सोनी, ठेकेदार मेघदूत कार्पोरेशन केशव पंडित, तत्कालीन पार्षद सूरज कैरो, तत्कालीन सीनियर आडिटर विद्यानिधि श्रीवास्तव, तत्कालीन सहायक संचालक ऋषिप्रसाद गौतम, तत्कालीन पार्षद कैलाश यादव, तत्कालीन नगर शिल्पज्ञ नगर पालिक निगम इंदौर जगदीश डगांवकर हैं।

घटना का संक्षिप्त विवरण- आवेदक छोटू शुक्ला पार्षद एवं नेता प्रतिपक्ष नगर पालिक निगम इंदौर द्वारा फरवरी 2003 में शिकायत प्रस्तुत की गई थी कि तत्कालीन महापौर एवं परिषद के सदस्यों ने पूर्ण रूप से विकसित मेघदूत उद्यान के सौंदर्यीकरण एवं विकास के नाम पर 2.50 करोड रुपए की योजना बनाकर वगैर शासन की अनुमति के षडयंत्र पूर्वक छोटे-छोटे प्रस्ताव बनाकर अलग-अलग कार्य अलग-अलग व्यक्तियों से करवाकर लाखों रुपए का भ्रष्टाचार किया गया। शिकायत की प्राथमिक जांच उपरांत अपराध पंजीयन किया जाकर विस्तृत विवेचना उपरांत कुल राशि ₹3360322/- की क्षति निगम को होना पाए जाने से उपरोक्त आरोपी गणों के विरुद्ध अभियोग पत्र मान.विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 31-1-2023 को निर्णय पारित करते हुए उपरोक्त आरोपीगणो को प्रत्येक धारा में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं प्रत्येक धारा मैं प्रथक प्रथक ₹5000 के अर्थदंड से दंडित किया गया। लोकायुक्त संगठन की ओर से अभियोजन का संचालन श्री आशीष कुमार खरे द्वारा किया गया।