स्टेट प्रेस क्लब म. प्र. का तीन दिवसीय भारतीय पत्रकारिता महोत्सव का भव्य शुभारंभ
*इंदौर*। एक गरिमामय एवं भव्य समारोह में आज जाल सभागार में स्टेट प्रेस क्लब म्. प्र. का तीन दिवसीय भारतीय पत्रकारिता महोत्सव का भव्य शुभारंभ हुआ। कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गेहलोत, महर्षि उत्तम स्वामी महाराज, विधायक सतीश मालवीय,समाजसेवी हेमेंद्र मतलानी ,स्टेट प्रेस क्लब म. प्र. के अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस मौके पर मनोहर लिंबोदिया, आकाश चौकसे उपस्थित थे।
अपने मुख्य संबोधन में गेहलोत ने कहा कि इंदौर पत्रकारिता का गढ़ रहा है जहाँ के पत्रकारों ने अपनी मेहनत और प्रतिभा से पत्रकारिता को एक नई ऊँचाई प्रदान की। इसी वजह से इंदौर के पत्रकारो की लेखनी को देश में गंभीरता से लिया जाता है। मूर्धन्य पत्रकार राहुल बारपुते की सादगी, प्रभाष जोशी की मुहावरेदार भाषा, राजेंद्र माथुर के राजनीतिक विश्लेषण, शरद जोशी के चुटीले व्यंग्य, वेद प्रताप वैदिक का अंतरराष्टीय राजनीति में पकड़ और अभय छजलानी जैसे पत्रकारों की भाषा आज भी हम सबको प्रेरित करती है। वैसे भारत की पत्रकारिता का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है।
गेहलोत ने सभी पत्रकारो को आह्वान किया कि वे समाज में सकारात्मक पत्रकारिता करे। निष्पक्षता के साथ सत्य को उजागर करे और पत्रकारिता की आचार संहिता का पालन करे। पत्रकार समाज के विभिन्न मुद्धो को जरूर उठाये लेकिन उससे किसी व्यक्ति को ठेस नहीं पहुँचे। प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रनिक मीडिया के साथ साथ आज सोशल मीडिया भी आज समाज को प्रभावित कर रहा है। आकाशवाणी, दूरदर्शन के साथ निजी रेडियो चैनल में तकनीक का अधिक इस्तेमाल होने से भी समाज मे एक बड़ा परिवर्तन आया है। इसमें मोबाइल के बाद अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बड़ी भूमिका है।
गेहलोत ने आगे कहा कि इन परिवर्तनों के साथ साथ मीडिया के सामने कई चुनोतिया भी बढ़ी है जैसे मीडिया की आजादी पर कई बार सवाल उठते है। गलत समाचारों को अधिक फैलाया जा रहा है। फेक न्यूज़ तेजी से बढ़ रही है। पत्रकारों पर लगातार हमले हो रहे है। इस पर भी आज विचार करने की जरूरत है।
बेशक भारत ने बीते वर्षो में काफी प्रगति की है। विकसित भारत को बनाने में पत्रकारिता की अहम भूमिका रही है। 2047 में भारत को सोने की चिड़िया बनाने में पत्रकारों का बड़ा योगदान होगा।
गहलोत ने पत्रकारो के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओ का सिलसेलवार उल्लेख किया। इसके बाद गेहलोत ने प्रगति शील भारत विषय पर आधारित राष्टीय छायाचित्र प्रदर्शनी का अवलोकन कर उसकी सराहना की
अपने संबोधन में उत्तम स्वामी ने कहा कि पत्रकारो की लेखनी बड़ी धारदार और सशक्त होती है और उसमे उतनी ताकत होती है जितनी की एक बंदूक मे भी नही है। इस वजह से आज बड़े बड़े लोग भी मीडिया से डरते है। अतः मीडिया मे काम कर रहे पत्रकारो को चाहिए कि वे उन आडंबरो और अंधविश्वासों का जोरदार पर्दाफ़ाश करे, जो समाज में अंधश्रद्धा और टोने टोटके को बढ़ावा दे रहे है।
स्वामीजी ने आगे कहा कि पत्रकार समाज मे कर्म को अधिक महत्ता दे और पुरुषार्थ करने वाले लोगों को समाज के सामने लाये। गीता में भी कहा गया है कि मनुष्य को कर्म ही महान बनाते है। पौराणिक कथाओ से लेकर आज तक मे ऐसे कई उदाहरण दिये जा सकते है कि कर्म का कितना महत्व है।
स्वामीजी ने आगे कहा कि इंदौर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी ही नही है वरन मीडिया की भी राजधानी है, अतः यहाँ पर मीडिया की एक विशाल यूनिवर्सिटी बनना चाहिए।
खारीवाल ने बताया कि पत्रकारिता महोत्सव की शुरुआत वर्ष 2009 से हुई थी और यह 16 वा वर्ष है। इस महोत्सव में मध्य प्रदेश, गुजरात, दिल्ली, यू. पी, महाराष्ट्र आदि प्रदेशों के सैकडो पत्रकार और शोधार्थी छात्र भाग ले रहे है।
अतिथि स्वागत रचना जौहरी, सुदेश गुप्ता,नीलेश खरे, आसिफ शाह ने किया। अतिथियों को प्रतीक चिन्ह संदीप जोशी, शीतल राय, प्रदीप सिंह राव ने प्रदान किये। कार्यक्रम का संचालन किया प्रवीण कुमार खारीवाल ने। आभार माना आकाश चौकसे ने।