कालिंदी गोल्ड: १२७ में से ३५ प्रकरणों का निराकरण, २३ नहीं आये

इंदौर। शहर की तीन विवादास्पद टाउनशिप को लेकर उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर  बनाई गई कमेटी द्वारा की गई सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय के पोर्टल पर कमेटी की २० पृष्ठों की रिपोर्ट सबमिट की गई है। इस रिपोर्ट पर अब २६ सितंबर २०२३ को सुनवाई होगी।

इस रिपोर्ट में तीनों कॉलोनियों को लेकर बताया गया है कि कालिंदी गोल्ड के ९६ विवाद, फिनिक्स टाउनशिप के ८८ और सेटेलाइट हिल्स के ७१ भूखंड पीड़ितों के मामलों की सुनवाई की थी।

रिपोर्ट में जहां तात्कालिन कलेक्टर मनीष सिंह के प्रयासों को सराहा वहीं रिपोर्ट में लिखा गया है कि उनके द्वारा किये गये प्रयासों से ही भूखंड पीड़ितों को न्याय मिलने की उम्मीद जागी है।

इस कमेटी के मुखिया सेवानिवृत्त न्यायाधीश आईएस श्रीवास्तव थे इसके अलावा प्रशासनिक अधिकारियों को भी कमेटी का सदस्य बनाया गया था।

सेवानिवृत्त न्यायाधीश एसके श्रीवास्तव ने ९ मई से २२ अगस्त तक लगातार सुनवाई की कमेटी के ईमानदार प्रयास से १३७ से अधिक प्रकरणों में निराकरण संभव हो सका है।

कालिंदी गोल्ड में अभी भी कई मामले उलझे हुए है। हैप्पी धवन ने डायरियों के प्रकरण नहीं सुलझाये हैं। सुनवाई के बीच में ही कई डायरियां आती रही।

बीस पन्नों की रिपोर्ट में प्रारंभिक स्थिति में कालिंदी गोल्ड को लेकर विस्तृत ब्यौरा देते हुए बताया गया है कि उच्चतम न्यायालय ने तात्कालिन कलेक्टर द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट के बाद जारी की गई स्टेटस रिपोर्ट में दिशा निर्देश जारी किये गये थे।

यह रिपोर्ट मध्यप्रदेश सरकार के महाअधिवक्ता तुषार मेहता द्वारा प्रस्तुत की गई थी। इसी आधार पर उच्च न्यायालय में सुनवाई के बाद सेवानिवृत्त न्यायाधीश आईएस श्रीवास्तव के नेतृत्व में सुनवाई प्रारंभ हुई।

कालिंदी गोल्ड को लेकर कमेटी ने स्पष्ट किया है कि हैप्पी धवन को ५५ मामलों का निराकरण करना था वहीं चिराग शाह को उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर ३५ मामलों का निराकरण करना था। वहीं निलेश अजमेरा को चार प्रकरण और विकास चौकसे को दो प्रकरणों का निराकरण करना था। सुनवाई के बीच में ही ३१ और नई शिकायतें भी दर्ज की गई।

इस बीच हैप्पी धवन ने डायरियों को फर्जी बताते हुए हस्ताक्षर नकली बताये थे। हस्ताक्षर विशेषज्ञों ने इसे जांच के बाद असली बताया था। डायरियों पर दस करोड़ रुपये से ज्यादा का लेनदेन हुआ था। हैप्पी धवन कमेटी के लगातार सुनवाई और दबाव के बाद ३५ प्रकरणों का निराकरण ही किया। जबकि ९६ वें प्रकरण निराकृत होना थे। ३१ नये प्रकरण भी इसमे आ गये और कुल १२७ प्रकरण हो गये। वहीं कमेटी ने रिपोर्ट में यह भी कहा कि २३ लोगों को नोटिस लगातार जारी किये गये परंतु वे अपना पक्ष रखने कमेटी के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुए। हैप्पी धवन के ४५ प्रकरण अभी भी बचे है जो डायरी, प्लाट और रसीद के है। इसके अलावा स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार ही चिराग शाह को ३५ प्रकरणों का निराकरण करना था उन्होंने पांच प्रकरण ही निराकृत किये अभी भी तीस प्रकरण का निराकरण उनकी ओर से बाकी है। निलेश अजमेरा के चारों प्रकरण का निराकरण और विकास चौकसे के दो प्रकरणों का निराकरण होने के बाद इन्हें कालिंदी मामले से मुक्त कर दिया गया है। अब इन पर कोई जवाबदारी नहीं बची है। कालिंदी गोल्ड में हैप्पी धवन की पत्नी अनुराधा धवन ने उच्चतम न्यायालय में लिखित में अंडरटेकिंग दे रखी है कि इन प्रकरणों को निपटाया जाएगा इसके बदले में ३५ प्लाट अभी भी जब्त पड़े हुए हैं।

सूत्रों का कहना है कि इसमे से हैप्पी धवन ने कुछ प्लाट बेच रखे हैं। इधर चिराग शाह की तरफ से साजीद खान ने अंडरटेकिंग दे रखी है पर अभी तक यहां पर भी कोई निराकरण नहीं हुआ है। बीस पन्नों की रिपोर्ट में सेटेलाइट और फिनिक्स को लेकर भी कई बिंदुओं पर जानकारी उच्च न्यायालय में प्रस्तुत की है।

इसमे मेडिकेप्स के रमेश मित्तल से लेकर प्रदीप अग्रवाल, सुरेश चोपड़ा और परिसमापक के अलावा रितेश अजमेरा को लेकर भी स्थिति स्पष्ट की है। (क्रमश:)