इंदौर। शहर के भूमाफियाओं से त्रस्त भूखण्ड पीड़ितों को लेकर उच्च न्यायालय के निर्देश पर कमेटी ने चल रही सुनवाई में कल बड़ा मोड़ आ गया है, जो बता रहा है कि जालसाज डायरियों पर लिए पैसों को नहीं देने और साथ में भूखण्ड का निराकरण नहीं करने को लेकर किस प्रकार झूठ बोल रहे हैं। वहीं प्रदीप अग्रवाल द्वारा कालोनी में खरीदी गई 27 हजार ल वर्गफीट जमीन को लेकर तर्क  दिया था कि उसने जमीन खरीदी है,  इसलिए वह प्लाट नहीं दे सकता है। दूसरी ओर इसी जमीन पर वे 10 लोगों को प्लाट देकर रजिस्ट्रीड  करवा चुके हैं।

चिरागशाह  को लेकर आज सुनवाई होगी।

कालिंदी गोल्ड में डायरियों पर 80 से अधिक लोगों से 10 करोड़ रुपए से ज्यादा एकत्र करने वाले हैप्पी धवन ने कमेटी के समक्ष कहा था कि डायरियों पर उसके हस्ताक्षर नहीं है। इसके बाद भूखण्ड पीड़ितों ने अपनी ओर से हस्ताक्षर विशेषज्ञों की टीम बनाकर हैप्पी धवन के हस्ताक्षरों का नमूना लेकर जांच लिए कमेटी के समक्ष ही भेजा था। कल इसकी रिपोर्ट विशेषज्ञों ने कमेटी को पेश की। जिसमें बताया कि सभी रजिस्ट्री डायरियों पर जो हस्ताक्षर है वे हैप्पी धवन के ही है। इसमें एक डायरी 2 करोड़ रुपए से ज्यादा के लेनदेन की भी है। वहीं हैप्पी धवन को लेकर 55 ओर शिकायतें भी नई दर्ज हो गई है। हैप्पी धवन के डायरियों पर हस्ताक्षर सही पाए जाने के बाद अब इन पैसों की वसूली को लेकर कमेटी उच्च न्यायालय में अपनी रिपोर्ट रखेगी। दूसरी ओर प्रदीप अग्रवाल द्वारा खरीदी गई 27 हजार वर्गफीट जमीन को लेकर भी पेंच लगाया जा रहा है। पूर्व में प्रदीप अग्रवाल ने ही यह जमीन जिला प्रशासन के समक्ष सरेंडर की थी। अब वे जमीन पर कब्जा छोड़ने के लिए तैयार नहीं है ।