इंदौर ।राज्य शासन द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशानुसार जिले के निजी चिकित्सालयों एवं नर्सिंग होम को अब जॉच व उपचार में लगने वाले शुल्क की सूची अनिवार्य रुप से लगाना होगी। निजी चिकित्सालयों एवं नर्सिंग होम को खर्च का ब्यौरा सार्वजनिक करना होगा और प्रबंधन को बताना होगा कि उसके चिकित्सालय / नर्सिंग होम में किस जाँच का कितना शुल्क लिया जाता है।
सरकार ने यह भी तय किया है कि अगर कोई निजी चिकित्सालय /नर्सिग होम अपने यहाँ उपचार और जाँच के शुल्क में कोई परिवर्तन करना चाहता है, तो उसे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को इसकी सूचना लिखित में देना होगी एवं संशोधित शुल्क सूची को प्रमुखता से प्रदर्शित करना होगा।
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आयुक्त स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा श्री तरुण राठी ने प्रदेश के सभी निजी चिकित्सालयों एवं नर्सिंग होम के लिए इस संबंध में निर्देश जारी किए है। कहा गया है कि प्रदेश के नागरिकों के हितों कि रक्षा करते हुए अपने बेहतर एवं पारदर्शी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए यह महत्वपूर्ण है।
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निजी चिकित्सालयों एवं नर्सिंग होम को काउंटर पर शुल्क सूची को प्रदर्शित करना अनिवार्य है। रोगी या उनके परिजनों द्वारा मांग करने पर शुल्क सूची दिखाना अस्पताल प्रबंधन का दायित्व भी है। निजी चिकित्सालयों एवं नर्सिंग होम द्वारा प्रदर्शित सूची के अलावा शुल्क लेना नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। मनमानी शुल्क लेने की घटनाओं को रोकने के लिए सतत् निरीक्षण करने के निर्देश भी स्वास्थ्य आयुक्त ने दिए हैं।