सालाना बारिश का कोटा 37.5 इंच, जो इस आंकड़े से 1.5 इंच पीछे

इंदौर। दस दिन के अंतराल के बाद बुधवार दोपहर से शुरू हुई बारिश देर रात तक जारी रही। इस बारिश के बाद शहर में सालाना बारिश का औसत आंकड़ा पूरा होने के करीब है। 36 इंच बारिश हो चुकी, डेढ़ इंच का इंतजार है। मौसम विभाग ने अगले दो दिन भी अच्छी बारिश की उम्मीद जताई है। शहर में बुधवार को 2.25 इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई है, जिससे अब तक कुल 36 इंच बारिश हो चुकी।
इंदौर का सालाना बारिश का कोटा 37.5 इंच है, जो अब इस आंकड़े से केवल 1.5 इंच पीछे है। मौसम विभाग ने आने वाले कुछ दिनों तक अच्छी और लगातार बारिश की उम्मीद जताई है। शहर में पिछले कुछ दिनों से बादल छाए हुए थे और शाम से रात तक भारी बारिश हुई। विमानतल स्थित मौसम केंद्र के मुताबिक बुधवार को शहर में कुल 2.23 इंच बारिश दर्ज की गई। इसके साथ ही जून से शुरू हुए मानसून सीजन में अब तक कुल 36 इंच बारिश हो चुकी है। मौसम विभाग के अनुसार आज और अगले कुछ दिनों तक बारिश का दौर लगातार जारी रहेगा।

रात को तापमान गिरा
मौसम केंद्र के अनुसार कल सुबह से मौसम साफ था और दिन में तेज धूप थी। इसके कारण दिन के तापमान में बढ़ोतरी हुई। दिन का अधिकतम तापमान 32.5 डिग्री रहा, जो सामान्य से 2 डिग्री और परसों की अपेक्षा 0.3 डिग्री ज्यादा था। वहीं शाम से शुरू हुई बारिश के बाद रात के तापमान में गिरावट आई। रात का न्यूनतम तापमान 21.2 डिग्री रहा, जो सामान्य, लेकिन परसों रात की अपेक्षा 1.8 डिग्री कम था। इस दौरान हवाओं की दिशा पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी रही। हवाओं की अधिकतम रफ्तार 56 किलोमीटर प्रतिघंटे तक पहुंची।

नवरात्रि में भी बारिश के आसार
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि नवरात्रि के दौरान भी शहर में बारिश देखने को मिलेगी। बारिश के कारण शहर में होने वाले गरबा आयोजन प्रभावित हो सकते हैं। तेज बारिश ने किसानों को परेशानी में डाल रखा है। एक ओर तो सोयाबीन फसल पककर कटाई की ओर है तो हार्वेस्टर मशीनों की कमी होने और 25% सोयाबीन एक साथ एक समय में कटवाने की जद्दोजहद में किसान लगे थे।
बुधवार दोपहर बाद से तेज बारिश का दौर शुरू हुआ, जो देर रात तक जारी रहा। इससे कई जगह खेतों में पानी भर गया। देपालपुर, सांवेर, बेटमा, गौतमपुरा, गोकलपुर, हातोद, महू, पीथमपुर के आसपास के किसान चिंता में हैं। अब दो दिन मशीन खेतों में चलेगी नहीं और इस बीच बारिश हो जाती है तो सोयाबीन के दागी होने से दाम कम मिलेंगे और उत्पादन पर भी असर होगा।