इंदौर।सिन्ध भाषियों कि पारमंपरिक चार नृत्य कला होजमालो झूमर,छेड़,भगत है । सिन्धू मुंहिंजी जीजलि संस्था द्वारा दूसरे माह दो शो सिन्धी “भगत” पर आधारित विश्व विख्यात परमानन्द प्यासी का कार्यक्रम किया गया । लम्बे अर्से बाद दोनों शो फुल हुए। पत्नी-बेटियों से व्यवहार, बदलते विवाह- मृत्यू संस्कार, परिवारिक संबद्घो पर हास्य व्यंग्य गीत कथानक से परमानन्द प्यासी ने हसाया सोचने पर मजबूर किया । गीतों पर दर्शक झुक उठे ।

परंपरागत कार्यक्रम से हटकर नन्हे दर्शक ने उद्घाटन किया, समाज के मुखियाओं के चरण स्पर्श कर आशिर्वाद पर संस्कारों की विरासत गृह कि ।

 

उद्धाटन कर्ता नन्हे 5 दर्शक :

सिद्धार्थ बुधवानी, आर्या कलवानी, पलश तलरेजा, गोरव छाबड़ा, लक्ष्य छाबड़ा ।

समाज के 5 मुखियाओं द्वारा वच्चो का स्वागत :

हरिश मोटवानी (पुलिस), राजा मंधवानी ( जैकमाबाद पंचायत), लखि खेमलानी (कलाकार), चतुरूमल लालवानी ( शिक्षाविद), विष्णू तलरेजा (देवास पंचायत) ।

18 मिनट की डाक्यूमेंट्री :

भगत कंवरराम ( 68 वीं पुण्य तिथि ), प्रोफेसर राम पंजवानी (111 जयंती ) पर सिन्ध नृत्य शैली भगत पर आधारित हिन्द सिन्ध मे भगत का प्रदर्शन किया गया । जिसका संकलन सम्पादन किशोर कोवानी व रिकार्डिंग त्रिलोक गुलानी ने कि है ।