बड़वाह और इन्दौर के बाघ में होती रहती है झडप 

इंदौर । इंदौर के वन मंडल क्षेत्र में एक बाघ ने अपना नया इलाका बना लिया है वहीं दूसरी ओर बड़वाह क्षेत्र के इलाके में रहने वाले बाघ से इंदौर वन मंडल के बाघ की झड़प भी होती रहती है ।
रातापानी से लेकर इंदौर तक के इस बाघ क्षेत्र में कुल 2 बाघों की मौजूदगी को वन विभाग भी अब स्वीकार करने लगा है।

उल्लेखनीय है कि विगत दिनों इंदौर वन मंडल क्षेत्र में एक बाघ के हमले में एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी।
उधर रालामंडल क्षेत्र में भी कई बार बाघों की मौजूदगी को वन विभाग ने स्वीकारा है बताया जा रहा है कि अब इंदौर वन क्षेत्र में भी बाघों की संख्या के साथ-साथ अन्य वन्य प्राणियों की संख्या भी बढ़ रही है और यही कारण है कि इस इलाके में बाघों ने अपनी टेरिटरी बनाना शुरू कर दी है।

बताया जा रहा है कि इंदौर क्षेत्र में विगत दिनों एक मादा बाघिन के साथ 3 बच्चे भी लोगों ने देखने का दावा किया था   लेकिन वन विभाग ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है हालांकि उन्होंने विगत दिनों पीथमपुर इलाके से एक बाघ को पिंजरा लगा कर पकड़ा भी था, लेकिन अभी  कहा जा रहा है कि एक नए बाघ ने इंदौर टेरिटरी में अपना कब्जा जमा लिया है ।
उल्लेखनीय है कि बड़वाह वन मंडल क्षेत्र में भी एक बाघ की मौजूदगी को वन विभाग स्वीकार ही नहीं कर रहा है बल्कि कह रहा है कि बड़वाह और इंदौर वन क्षेत्र के दोनों बाघों के बीच संघर्ष भी होता आया  है और इसी संघर्ष के दौरान इंदौर इलाके में रहने वाले बाघ की पीठ पर चोट के निशान भी है।
वन विभाग के अधिकारियों की माने तो इंदौर वन मंडल क्षेत्र में बाघों की इस नई मौजूदगी ने खतरे का अहसास करा दिया है।

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि वन विभाग रालामंडल में नई सफारी और अन्य अभ्यारण की शुरुआत करने जा रहा है।
ऐसे में रालामंडल के आसपास के गांवों बाघ की मौजूदगी के खौफ से आने वाले पर्यटक भी अपने आप को डरे हुए महसूस करेंगे।

बाघ दिवस 29जुलाई को मनाएंगे

इंदौर वन मंडल क्षेत्र में कल 29 जुलाई को बाघ दिवस का आयोजन किया जा रहा है जिसमें वनक्षेत्र  में वाल पेंटिंग कंपटीशन और मेराथान के अलावा अन्य गतिविधियों का भी आयोजन किया जाएगा।