इंदौर । इंदौर पश्चिम क्षेत्र स्थित 61 वर्ष पूर्व बनाये गए प्रसिद्ध मां अन्नपूर्णा मंदिर परिसर को संगमरमर से नया स्वरूप दिया गया है, जिसमें प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव 31 जनवरी से 3 फरवरी तक मनाया जाएगा। प्रतिष्ठा की विधियों के लिए बनारस और नासिक से विद्वान आएंगे।
इस अवसर पर जूना पीठाधीश स्वामी अवधेशानंदगिरि महाराज के साथ देश के विभिन्न मठ-मंदिरों और अखाड़ों के प्रमुख जुटेंगे। आयोजन में 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।
उल्लेखनीय है कि 29 जनवरी 2020 में मंदिर के नव निर्माण के लिए भूमिपूजन किया गया था। इसके बाद लॉकडाउन के कारण छह माह से ज्यादा समय तक निर्माण कार्य नहीं हो पाया था। इसके बाद भी तीन साल के रिकार्ड समय में मंदिर ने आकार ले लिया है।
जानकारी के अनुसार1 फरवरी को देवता पूजन, अग्नि पर कलश प्रतिष्ठा, ध्वजारोहण के बाद शाम 4. नौ बजे से मंदिर का लोकार्पण कार्यक्रम होगा।
दिन 31 जनवरी को सुबह प्रायश्चित, मंडप प्रवेश व प्रतिष्ठा दोपहर को मंडप देवता स्थापना, जलाधिवास और लंबाई कलश स्थापना, अन्त्राधिवास आरती और 2 फरवरी को मंदिर में कलशों द्वारा मूर्ति स्नान, होगा
6600 वर्गफीट में बना नया मंदिर:
श्री महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंदगिरि ने बताया कि दशक पुराने अन्नपूर्णा मंदिर को नए निर्माण स्वरूप में बनाया गया है। नए मंदिर का निर्माण वर्तमान से करीब 50 फीट पीछे 6600 वर्गफीटमें इसका निर्माण किया गया है।
64 साल पहले बना था मंदिर
अन्नपूर्णा मंदिर का निर्माण महामंडलेश्वर स्वामी प्रभानंदगिरि महाराज ने सन 1959 में करवाया था। यह मंदिर अपने हाथी गेट के लिए पहचाना जाता था। इसमें संगमरमर से बनी तीन फीट ऊंची मां अन्नपूर्णा की मूर्ति है। मंदिर के मुख्य द्वार का निर्माण 1975 में किया गया था। परिसर में मां अन्नपूर्णा, शिव, हनुमान, कालभैरव आदि के मंदिर हैं। मंदिर की बाहरी दीवारों पर रंगीन पौराणिक आकृतियां बनी हैं।(फोटो मीडिया से साभार)