इंदौर। (विशेष प्रतिनिधि)इंदौर में जिस एडवेंचर पार्क के बनाने की घोषणा जोर शोर से मंत्री और अधिकारियों ने की थी उसकी योजना अब ठंडे बस्ते में चली गई है।
उमरीखेडा एडवेंचर पार्क बनाने की इस योजना में बाधा केवल इतनी है कि इस योजना को मनरेगा से किया जाना है,इसके पेमेंट में वन विभाग को देरी हो रही है।
इंदौर में घने जंगल में 190 हैक्टेयर में फैले इस पार्क को शुरू करने के लिए वन विभाग की तैयारियां अंतिम चरणों में है। पहले तय था की इसे पूरा कर जुलाई में पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। लेकिन इसका पूरा होना संभव नहीं दिखाई दे रहा। विभागीय सूत्रों के मुताबिक इसमें हो रही देरी का कारण विभाग के पास फंड की कमी है।
जानकारी के अनुसार इस पूरी परियोजना के कार्य को मनरेगा से किया जाना था ,अभी तक जितना फंड मनरेगा से मिला उससे काम करवा लिया गया ,लेकिन शेष कामों के लिए पर्याप्त फंड उपलब्ध न होने से ये कार्य रुका हुआ है।
परेशानियां को बाधा बनी हुईं हैं।
पर्यटकों के लिए जो कच्चा ट्रेक बनाया गया था वो इस बरसात में पानी से बह गया । अब उसे फिर से बनाया जाना है।
तालाब जो बनाया गया था वो कम गहरा था जिससे पानी रकने के जगह बारिश में ही बह गया जिससे मिट्टी और पानी से रास्ता गायब हो गया। उसका गहरीकरण किया जाना है।
ये होना था
*यहां रात रुकने के लिए मिट्टी के मकान और झोपड़ियां बनाई गई हैं.
*पर्यटकों को ठहराने के लिए पार्क में मड हाऊस यानी मिट्ठी के घर बन रहे हैं।
* एडवेंचर्स एक्टिविटी के लिए यहां कैम्प फायर की सुविधा भी रहेगी।
*पार्क में प्रवेश करने के लिए पर्यटकों को महज बीस रूपए का शुल्क देना होगा।
*पौधों पर क्यूआर कोड लगाए जाएंगे ताकि पर्यटकों को इनसे जुड़ी जानकारी मिल सके।
इस घने जंगल में पार्क में कुछ खूबसूरत पौधे भी रखे जाएंगे। पौधों पर क्यूआर कोड लगाए जाएंगे ताकि पर्यटकों को इनसे जुड़ी जानकारी मिल सके।
*पार्क में झोपड़ियां और मड हाउस को तालाब के पास बनाया जा रहा है ताकि पर्यटक यहां रात में भी रुक सकेंगे।
पर्यटकों के लिए मड हाऊस और टेंट की सुविधा भी रखेंगे।
*यहां पर्यटकों के लिए मल्टीपल ट्रैक भी उपलब्ध रहेगा है.
*जंगल घूमनेवालों के लिए 2 किमी का पैदल ट्रैक होगा।
*ट्रैकिंग करने वालों के लिए पहाड़ी पर थोड़ी ऊंचाई का भी ट्रैक बनाया गया है जोकि करीब 6 किमी लंबा है।
*जंगल सफारी के लिए 10 किमी में घूमने की सुविधा भी जुटाई जा रही है.