इंदौर। इंदौर के लालबाग स्थित गुरुनानक कॉलोनी के बारा मत्था बगीची परिसर में आज 300 वर्ष पुराने ऐतिहासिक पीपल वृक्ष के निर्दयतापूर्वक अंगभंग के विरोध में नागरिकों, पर्यावरण प्रेमियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा एक भावपूर्ण प्रार्थना सभा एवं दीपदान का आयोजन किया गया।
“वृक्ष बचाओ, इंदौर बचाओ” अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिकों ने भाग लिया और पीपल वृक्ष के प्रति अपनी संवेदना एवं आक्रोश व्यक्त किया। उपस्थित नागरिकों ने कहा कि यह पीपल वृक्ष केवल एक पेड़ नहीं था, बल्कि इंदौर की सांस्कृतिक और हरित धरोहर का प्रतीक था, जिसे होलकर कालीन विरासत के रूप में संरक्षित किया जाना चाहिए था।
किये केश दान
पर्यावरण प्रहरी द्वय मुकेश रजत वर्मा और चंद्रशेखर गवली ने वृक्ष को “गुरु स्वरूप” मानकर अपने सिर का मुंडन कर केश दान किया गया और शहर में हो रही अनियंत्रित वृक्ष कटाई के विरोध का यह प्रतीकात्मक संदेश दिया। उपस्थित नागरिकों ने दीपदान कर इस वृक्ष के पुनर्जीवन के लिए ‘इतनी शक्ति हमें देना दाता’ प्रार्थना की और सामूहिक रूप से पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया।
ये भी पढ़ेहुकुमचंद मिल परिसर के पेड़ बचाने हेतु बनी ऐतिहासिक मानव श्रृंखला
कार्यक्रम के दौरान यह भी ज्ञात हुआ कि इसी परिसर के तीन अन्य वृक्षों को भी अवैध निर्माण हेतु बेरहमी से काटा गया है। इस संबंध में शिकायत की गई और नगर निगम उद्यान प्रभारी द्वारा स्थल पर आकर पंचनामा तैयार किया गया, जिसके आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
ये भी पढ़े:Indore :जनसुनवाई में उठी 300 साल पुराने पीपल वृक्ष की आवाज
नागरिकों ने प्रशासन से मांग की कि वृक्षों की अवैध कटाई के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए तथा शहर की हरित विरासत को संरक्षित करने हेतु ठोस नीति बनाई जाए। पूर्व में जनसुनवाई के दौरान नगर निगम आयुक्त को की गई शिकायत पर ठोस कार्रवाई नहीं होने पर लोगों ने रोष व्यक्त किया।
अंत में सभी नागरिकों ने यह संकल्प दोहराया कि “हम सब मिलकर इंदौर की हरित धरोहर को बचाएंगे, प्रकृति का सम्मान करेंगे और वृक्षों की रक्षा को अपना सामाजिक उत्तरदायित्व बनाएंगे।”