इंदौर। राहुल गांधी ने आज कहा कि उनकी यात्रा बेरोजगारी और बढ़ती मंहगाई  के खिलाफ है। राजनीतिक मुद्दे उठाकर यात्रा का लक्ष्य से दूर नहीं करना चाहता।

इंदौर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जनता जो कह रही है, जो फीडबैक मिल रहा है उस बारे में बात करूगा।

उन्होंने कहा कि ये मेरी जिम्मेदारी और एक तरह से तपस्या है। जो तपस्या करता है, वो किसी कारण तपस्या नहीं करता, मुझे कोई इंट्रेस्ट नहीं है। इस देश में जो नफरत और हिंसा फैलाई जा रही है, वो देश के लिए खतरनाक है, तो मेरी जिम्मेदारी है कि मैं इस डर हिंसा और नफरत के खिलाफ आवाज उठाऊं।

उन्होंने कहा कि शुरू में लोगों ने कहा था केरल में सफल होगी, लेकिन बाद में दिक्कत होगी। कर्नाटक में आए तो कहा साऊथ में सफल होगी लेकिन बाद में दिक्कत होगी, फिर महाराष्ट्र और अब मध्य प्रदेश में भी सफल यात्रा हुई है। उन्होंने कहा कि अब यह सिर्फ कांग्रेस की यात्रा नहीं रहीं, सभी इसमें जुड़ गए हैं ।अब कहा जा रहा है कि राजस्थान में आपको तकलीफ आएगी देखते हैं। देखते है।

उन पर भरोसा नहीं करना चाहिए।

प्रदेश में कांग्रेस सरकार गिराने वालों की वापसी के सवाल पर राहुल गांधी बोले, यह आप कांग्रेस अध्यक्ष से पूछें। मेरा मानना है की यदि वे पैसे से खरीदे गए हैं तो उन पर भरोसा नहीं करना चाहिए।

यात्रा का लक्ष्य राजनीतिक नहीं

भारत ने अपने सबसे बुरे वक्त में भी इतना डर का माहौल नहीं देखा, हमारी सांस्कृतिक विविधता, भाईचारा ही सबसे बड़ी मजबूती रही है। इस यात्रा का लक्ष्य राजनीतिक नहीं है।

इंदौर और एमपी जैसा प्यार कहीं नहीं मिला

राहुलगांधी ने कहा कि  मैं केरल से निकला तो दिमाग में था कि इतना प्यार कहीं नहीं मिलेगा। फिर महाराष्ट्र में उससे ज्यादा मिला और अब लगता है की जितना प्यार इंदौर और मध्य प्रदेश में मिला वैसा कहीं नहीं मिला।