इंदौर। दीपावली पर बोनस में अपने 600 से ज्यादा कर्मचारियों को कार और 900 कर्मचारियों को एफडी देने वाले सूरत गुजरात के हीरा कारोबारी  पदमश्री सावजीभाई ढोलकिया ने आज अपने शून्य से शिखर तक की यात्रा को  विस्तार से इंदौर मैनेजमेंट एसोशिएशन के 30वें कॉन्क्लेव में बताई।

उल्लेखनीय है कि  इंडियन बिजनेस विस्डम के कोहिनूर कहे जाने वाले सावजीभाई ढोलकिया डायमंड मैन्युफैक्चरिंग एंड एक्सपोर्टिंग कंपनी हरि कृष्णा एक्सपोट्र्स पप्राइवेटलिमिटेड के फाउंडर और चेयरमैन हैं।

उन्होंने अपनी जीवन संघर्ष, परिवार, कारोबार, सफलता को लेकर बात की।

इंदौर मैनेजमेंट एसोसिएशन के कान्क्लेव के अंतिम दिन हीरा व्यापारी पद्मश्री सावजी ढोलकिया ने अपने संघर्ष के बारे में बताते हुए कहा कि अमरेली से सूरत आने से पहले पिता ने 3900 रुपये मुझे दिए और मां ने आर्शिवाद देकर भेजा। सूरत में आने के बाद हीरा तराशने का काम आता था। पढ़े-लिखे नहीं होने की वजह से थोड़ी मुश्किलें हुई। मगर अत्याधुनिक तकनीकी को हर कदम पर अपनाया। कंपनी में कर्मचारी भी भले ही क्वालिफाई नहीं थे, लेकिन उनमें क्वालिटी थी। मशीनों की मदद से उनके कौशल को बढ़ाया। इससे हमारी कंपनी का विस्तार हुआ। वे कहते है कि पैसा, कामयाब और सम्मान मेरे लिए मां ने सपने देखे थे। कंपनी में 6-8 हजार कर्मचारी हो गए है। कामयाबी मिलने के बाद पैसा भी कमा लिया है। 2012 में पद्मश्री मिला। उसके बाद मां से कहा कि तुम्हारे सपने पूरे हो चुके है। अब मेरे सपने पूरे करने की बारी है। उन्होंने कहा कि व्यापार की कमान परिवार के सदस्यों को सौंप दी है। अब धरती मां के लिए काम करने का प्रयास कर रहा हूं।

ढोलकिया समाजसेवा में भी बहुत आगे है और पर्यावरण संरक्षण को लेकर भी बहुत ज्यादा काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि किस तरह पीएम नरेंद्र मोदी से किए वादे ने उन्हें ज्यादा काम करने के लिए उत्साहित किया।