इंदौर। देपालपुर के एक किसान की जिंदगी गेंदा के फूलो के कारण महक उठी। उसके चेहरे पर अब चिंता की लकीरें नहीं बल्कि खुशि की मुस्कान है।

केवल पारंपरिक खेती से परिवार की आजीविका चलाने वाले ग्राम सगदोद देपालपुर निवासी किसान श्री जितेन्द्र पटेल हमेशा बेमौसम बारिशपारंपरिक तरीके से कृषि कार्य करने से लाभ के मुकाबले अधिक लागत से कृषि घाटे का सौदा सिद्ध हो रही थी। सोयाबीन की फसल लेने वाले जितेंद्र ने इस बार गेंदे की खेती की और उन्हें मुनाफा तो हुआ ही साथ ही अनुदान भी मिला।

किसान जितेंद्र ने बताया कि मैंने एकीकृत बागवानी विकास मिशन अंतर्गत पुष्प क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम का लाभ लिया। मुझे योजनान्तर्गत 8 हजार रुपये का अनुदान मिला।

कृषक  पटेल ने बताया कि उसे  एकीकृत बागवानी विकास मिशन के बारे में मालूम हुआ। उद्यानिकी विभाग के मैदानी अधिकारियों ने उन्हें पुष्प क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम के बारे में बताया तथा योजना संबंधित समस्त जानकारी दी। श्री जितेन्द्र ने  पुष्प क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम अंतर्गत गेंदा हाइब्रिड प्रजाति का फूल बीज अपने करीब आधा बीघा खेत में लगाया, जिससे उन्हें 160 क्विंटल गेंदा फूल का उत्पादन मिला। खाद, बीज, दवाई, निंदाई गुडाई सहित अन्य खर्च करीब 20 से 25 हजार रुपये हुआ। करीब 75 हजार रुपये का गेंदा फूल बिका। उन्होंने बताया करीब 50 हजार रुपये उन्हें शुद्ध आय प्राप्त हुई।

किसान  पटेल के अनुसार वे  पूर्व में पारंपरिक रूप से सोयाबीन की खेती कर रहे थे। सोयाबीन उत्पादन लेने से कहीं अधिक लाभकारी फूलों की खेती है।