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125साल पुराने इमली के पेड़ क़ो धरोहर घोषत करने की मांग

इंदौर l इंदौर में आज शहर के नागरिक आज जेल रोड पर उस समय चकित हो कर उन लोगो क़ो देख कर पूँछ रहे थे कि वे लोग उस इमली के पेड़ के पास एकत्र हो कर क्या कर रहे है!लेकिन जब उन्हें हकीकत मालूम  चली तो उन्होंने भी उनकी मांग का समर्थन किया l

दरअसल शहर पर्यावरण प्रेमियों ने जेल रोड स्थित 125 वर्षीय इमली के वृक्ष को इंदौर शहर की “हरित धरोहर” के रूप में समर्पित कर “धरोहर वृक्ष” घोषित करने की मांग की।

सभा हुई

पर्यावरण संरक्षण हेतु जनआंदोलन के रूप में स्‍थापित पर्यावरण नागरिक मंच, इंदौर की साधारण सभा का आयोजन श्रम शिविर, जेल रोड, इंदौर में किया गया। सभा का मुख्य उद्देश्य शहर में पर्यावरण संरक्षण एवं वृक्षों पर हो रहे अत्याचारों के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना तथा नागरिकों को इस दिशा में सक्रिय भागीदारी हेतु प्रेरित करना था।

कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण जेल रोड स्थित लगभग 125 वर्ष पुराने इमली के वृक्ष को इंदौर की हरित धरोहर के रूप में चिन्हित करना रहा। इस अवसर पर शहर के अनेक पर्यावरण प्रेमी, सामाजिक कार्यकर्ता और नागरिक उपस्थित थे।

बैठक के दौरान प्रमुख वक्ताओं में अभय जैन ने अपने उदबोधन में इंदौर में पर्यावरण आंदोलन के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए बताया कि किस प्रकार एमओजी लाइन्स एवं मल्हार आश्रम विद्यालय जैसे जनआंदोलनों से आम जन जुड़ते गए और यह एक मजबूत सामाजिक अभियान का रूप लेता गया।

पर्यावरण जानकार एवं पूर्व प्राचार्य डॉ. ओ. पी. जोशी ने शहर में हरियाली एवं पेड़ों की स्थिति को प्रस्‍तुत करते हुए बताया कि इंदौर अपनी हरियाली और बगीचों के लिए प्रसिद्ध था, परंतु अब स्थिति चिंताजनक होती जा रही है।

सामाजिक कार्यकर्ता संदीप खानवलकर ने कहा कि हरियाली और पेडों का महत्‍व विषय पर बोलते हुए कहा कि आधुनिक शहरी जीवन में वृक्षों के प्रति लगाव घटने से समाज में पर्यावरणीय संवेदना भी कम हो रही है।

पर्यावरण जानकारी सेवानिवृत्‍त अधिकारी डॉ. दिलीप वागेला ने घटती हरियाली का पर्यावरण एवं जन स्वास्थ्य पर प्रभाव पर बोलते हुए कहा कि पेड़ों की पत्तियाँ वायु में उपस्थित 2.5 माइक्रोन कणों को अवशोषित कर प्रदूषण के दुष्प्रभावों को कम करती हैं, इसलिए हर वृक्ष मानव स्वास्थ्य के लिए वरदान है।

मुकेश वर्मा ने पेड़ों का संरक्षण विषय पर इंदौर शहर में पेड़ काटने वाले माफियाओं के विरुद्ध संघर्ष के उदाहरण साझा किए और नागरिकों से अपील की कि वे समूह में शिकायतें दर्ज कर कार्रवाई सुनिश्चित करें।

उद्योगपति डॉ. राजेंद्र बाफना ने शासन द्वारा लगाए गए पेड़ों के भौतिक सत्यापन की माँग की और इस दिशा में आंदोलन चलाने का आह्वान किया।

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सामाजिक कार्यकर्त्‍ता एवं पर्यावरण के मामलों के जानकारी राजेंद्र सिंह ने सीएम हेल्पलाइन एवं नगर निगम 311 एप पर शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया का लाइव प्रदर्शन किया।

कार्यक्रम अध्यक्ष श्यामसुन्दर यादव ने भविष्य में अधिक से अधिक नागरिकों को आंदोलन से जोड़ने और वृक्षों की रक्षा के लिए सामूहिक प्रयासों को बढ़ाने पर जोर दिया।

इंजीनियर अखिलेश जैन ने कहा कि पेडों के संरक्षध के लिए इस आंदोलन को नियमितता प्रदान करने की जरूरत है। हम सब मिलकर पेडों के संरक्षण, कटाई आदि के संबंध में एक माहौल बना पाए है। इस निरंतरता को स्‍थायित्‍व प्रदान करना जरूरी है, जिसमें बुर्जुगों की श्रमशक्ति को उपयोग किया जाना चाहिए।

सभा में यह निर्णय लिया गया कि दीपावली के पश्चात शहरभर में जन-जागरूकता बढ़ाने एवं पेड़ों की सुरक्षा हेतु व्यापक अभियान चलाया जाएगा। सभी नागरिकों ने एकजुट होकर हरित इंदौर की दिशा में निरंतर प्रयास जारी रखने का संकल्प लिया। इस मौके पर शफी शेख, कुमार सिद्धार्थ, डॉ सम्‍यक जैन, सामाजिक कार्यकर्ता कृष्‍णर्जुन बर्वे, कम्यूनिस्‍ट पार्टी से जुडे कार्यकर्ता आदि अनेक व्‍यक्ति विशेष रूप से शामिल हुए।

कार्यक्रम का संचालन श्रीमती प्रणिता दीक्षित ने किया तथा आभार प्रदर्शन राहुल निहोरे द्वारा किया गया।

कार्यक्रम के समापन पर सभी पर्यावरण प्रेमियों ने 125 वर्षीय इमली के वृक्ष को इंदौर शहर की “हरित धरोहर” के रूप में समर्पित कर “धरोहर वृक्ष” घोषित करने की मांग की।

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