इंदौर। शहर में हो रही साइबर ठगी के तार इंडिया से ही नहीं दुबई से जुड़े हैं। पुलिस जिसे सामान्य केस समझ रही थी, वह अंतरराष्ट्रीय गिरोह का मामला निकला। गिरोह के सदस्य गरीब और मजबूर लोगों के खाते किराये पर लेकर ठगी की राशि जमा करवा रहे हैं। पुलिस ने एक आरोपित शाहबाज को आगरा से गिरफ्तार किया है, जो खाते मुहैया करवाता है।
डीसीपी (अपराध) निमिष अग्रवाल के मुताबिक नईदुनिया ने लिखा कि बाणगंगा थाना क्षेत्र निवासी एक छात्रा की शिकायत पर पुलिस आनलाइन ठगी की जांच कर रही थी। रुपयों की आवश्यकता होने पर छात्रा गूगल पर नौकरी ढूंढ रही थी। अचानक मैसेज आया और छात्रा की प्रोफाइल के मुताबिक आनलाइन काम बताया। कहा कि एमपी मार्ट के माध्यम से वह घरेलू और कास्मेटिक सामान खरीद सकती है। सदस्यता लेने पर उसे किफायती दरों पर सामान मिलेगा, जिससे वह कमीशन निकाल कर बेच सकती है। छात्रा ने सामान खरीदने के लिए करीब एक लाख 57 हजार रुपये जमा करवाए, लेकिन उसे सामान नहीं मिला। इसके बाद उसने क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज करवाई।
पुलिस ने बैंक खातों की जानकारी निकाली और शाहबाज खान निवासी फतेहपुर को गिरफ्तार किया। पूछताछ में बता चला शाहबाज तो एक मोहरा है। असली खिलाड़ी तो शानू है, जो दुबई से नेटवर्क संचालित कर रहा है। शाहबाज जैसे कई लड़के हैं, जिनसे वह किराये पर खाते लेता है। पुलिस के मुताबिक शानू मूलत: दक्षिण भारत का रहने वाला है, लेकिन इससे ज्यादा कोई जानकारी नहीं है। शाहबाज ने प्रारंभिक पूछताछ में डेढ़ सौ से ज्यादा खाते देना स्वीकारा।