इंदौर।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले वर्ष जुलाई में ऊर्जा मंत्रालय के लिए प्रारंभ रिवेम्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत देश का पहला 33/11 केवी का बिजली ग्रिड इंदौर जिले के सांवेर तहसील के इमलीखेड़ा में मात्र पांच माह में पूर्ण होकर ऊर्जीकृत हुआ है। इस ग्रिड से पांच गांवों की पच्चीस हजार जनता को उच्च गुणवत्तायुक्त चौबीस घंटे बिजली मिलेगी। इस उपलब्धि पर मध्य प्रदेश के ऊर्जामंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे, इंदौर के सांसद शंकर लालवानी आदि ने बधाई दी है। मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि इस ग्रिड के लिए भूमिपूजन फरवरी में स्थानीय विधायक एवं जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने किया था। इसके बाद जीआईएस सर्वे के आधार पर ग्रिड के लिए सारी तैयारी कर समय पर कार्य प्रारंभ किया गया। करीब पांच माह में योगदान में उक्त ग्रिड तैयार होकर ऊजीकृत हो गया है। पांच एमवीए क्षमता का उक्त ग्रिड तीन करोड़ की लागत का है। तोमर ने बताया कि इससे आठ हजार बिजली उपभोक्ता एवं पच्चीस हजार आबादी को फायदा मिलेगा। प्रबंध निदेशक तोमर ने बताया कि ग्रिड के निर्माण की विद्युत उपकरण सामग्री पावर ट्रांसफार्मर, वीसीबी केबल, कंडक्टर आदि राष्ट्रीय स्तर की एनएबीएल में परीक्षण उपरांत ही उपयोग में लाए गए हैं। पहली बार ग्रिड में पैंथर कंडक्टर का उपयोग किया गया है, जो परंपरागत कंडक्टर से करीब दोगुनी क्षमता का है। इमलीखेड़ा के उक्त ग्रिड के निर्माण में संबंधित एजेंसी के साथ ही मुख्य अभियंता एसएस करवाड़िया, एसआर चमनके, अधीक्षण अभियंता डॉ. डीएन शर्मा, कार्यपालन अभियंता अभिषेक रंजन समेत 25 कर्मचारियों, अधिकारियों का सराहनीय रहा।