INDORE. सेवांकुर भारत संस्था द्वारा आयोजित “एक सप्ताह देश के नाम” कार्यक्रम का समापन आज प्रदेश के महामहिम राज्यपाल मंगुभाई पटेल के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ।
इस अवसर पर अपने उद्बोधन में महामहिम राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति, मातृभूमि, समाज के लिए बहुत प्रेम रखते हैं.. यदि किसी को सेवा करना है तो पिछड़े, वनवासी समाज की कर सकते हैं।
राज्यपाल ने वन क्षेत्रों, आदिवासी इलाकों में सिकल सेल जैसी गंभीर बीमारी का जिक्र किया। उन्होंने इस बीमारी के लिए जरूरी प्रयासों पर भी प्रकाश डाला।
आयोजन में विशेष अतिथि के रूप में गुजरात क्षेत्र पश्चिम क्षेत्र के संघचालक कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. जयंतीभाई भडेसिया और मध्य क्षेत्र संघचालक अशोक सोहनी भी उपस्थित रहे।
स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक सुविधाओं की कमी
सेवांकुर भारत के संयोजक डॉ नितिन गादेवाड ने बताया कि इस कार्यक्रम के दौरान ये बात सामने आई कि इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक सुविधाओं की कमी नजर आई।
क्या है एक सप्ताह देश के नाम
स्वास्थ्य सेवा के साथ-साथ सामाजिक अनुभूति के इस अनूठे प्रयोग के तहत इस वर्ष महाराष्ट्र से 300 से अधिक चिकित्सा विद्यार्थी प्रदेश के वनांचल झाबुआ पहुंचे। उन्होंने वनवासी क्षेत्र का अनुभव लिया और अपनी सेवाएं प्रदान की।इस उपक्रम के तहत वैद्यकीय विद्यार्थियों और चिकित्सकों ने वनवासी क्षेत्र का अनुभव लिया, अपनी सेवाएं दी और अनुभव भी साझा किए।
7 वर्षों से हो रहा है आयोजन
सेवांकुर भारत संस्था का एक सप्ताह देश के नाम उपक्रम पिछ्ले 07 वर्ष से देश के विभिन्न आदिवासी, वनांचल क्षेत्र मे आयोजित होता है। इस वर्ष यह उपक्रम झाबुआ के शिवगंगा प्रतिष्ठान परिसर में हुआ। 23 से 29 मार्च तक चले इस उपक्रम का समापन इंदौर में हुआ।
इन पर था दायित्व
इस वर्ष के उपक्रम का दायित्व डॉ राजेश पवार, सहप्रमुख डॉ आरती आढे रोजेकर और डॉ किरण आल्हाट ने निभाया। समापन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सेवांकुर भारत संस्था से जुड़े कई युवा, चिकित्सक और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।