नई दिल्ली. यदि आप शासकीय सेवा से रिटायर हुएं है और पेंशन प्राप्त कर रहे है तो ये खबर केवल और केवल आपके लिए ही है। आप भी सावधान हो जाइए कहीं ऐसा भी आपके साथ न हो। सावधानी में ही समझदारी है।

दरअसल पेंशनभोगियों को हर साल उस वित्तीय संस्थान में जीवन प्रमाण पत्र जमा करना होता है, जहां से उन्हें पेंशन मिलती है। बस इसी जीवन प्रमाणपत्र को ले कर पेंशन भोगियों से धोखाधड़ी की जा रही है।

केंद्र सरकार ने पेंशनभोगियों को इस धोखाधड़ी के बारे में चेतावनी जारी की है। साक्ष्य पत्र जमा करने की तारीख करीब आने के साथ ही धोखेबाज़  भी सक्रिय हो गए हैं। वे क्लासिक टेक्निकल प्लेटफॉर्म के माध्यम से पेंशनर्स को निशाना बना रहे हैं। पेंशनभोगियों को आवेदन पत्र पर संदेश दिया गया है। इनमें दावा किया गया है कि पुराने जीवन प्रमाण पत्र के कारण पेंशन खतरे में है। उन्हें एक लिंक दिया जाता है जिसमें पेंशनभोगियों से कहा गया है कि वे इस पर अपने बैंक का विवरण या पासपोर्ट नंबर अपडेट करें।  उसके अपडेट करते ही पेंशनर की बैंक सहित अन्य सारी व्यक्तिगत जानकारी उनके पास पहुंच जाती है। और वे उसका दुरुपयोग करने लगते हैं।

सरकार इस बात पर जोर देकर कहती है कि जीवन प्रमाण पत्र के बारे में कभी भी किसी भी तरह की जानकारी के माध्यम से नेटफ्लिक्स या किसी अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अनुमति नहीं दी जा सकती है।

सेंट्रल पेंशन अकाउंटिंग ऑफिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि पेंशनभोगियों को व्यक्तिगत जानकारी देने की अनुमति नहीं है। इससे सावधान रहना जरूरी है। पेंशनभोगियों को सोशल मीडिया पर किसी भी लिंक पर क्लिक करें या अटैचमेंट डाउनलोड न करें। कभी भी अप्लाईक के माध्यम से बैंक अकाउंट का विवरण या पिपलओ नंबर जैसी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। प्रमाणपत्र के बारे में किसी भी जानकारी के लिए अपने बैंक या आधिकारिक पीपीओ वेबसाइट से संपर्क करें।