इंदौर। आयकर विभाग द्वारा इंदौर में सात दिन पूर्व रियल एस्टेट कारोबारी सहित 40 स्थानों पर मारे गए छापों की जांच अब अंतिम दौर में पहुंच रही है। दूसरी ओर आयकर विभाग का दावा है कि लगभग 200 करोड़ से अधिक की चोरी का मामला सामने आ रहा है। दलालों के यहां कार्रवाई पूरी हो चुकी है। इसके अलावा रियल एस्टेट कारोबारी को जमीन बेचने वाले किसानों से पूछा गया है कि उन्होंने करोड़ों रुपए नकद कैसे लिए है। इसके अलावा आनमनी की ली गई जानकारी अब सामने आ चुकी है। यह राशि ब्लैक मनी के रूप में जमा मानी गई है। दैनिक दोपहर ने अपनी खबर में लिखा कि छापे के दौरान समूह से जुड़े दो ओर समूह पर की गई कार्रवाई में बड़ा फर्जीवाड़ा एजुकेशनल ट्रस्ट के नाम पर मिला है

5 किलो सोना भी 

तो दूसरी ओर एक स्थान पर 5 किलो सोना भी जब तक हुआ है जबकि यहां पर 15 किलो सोना होने के दस्तावेज है।

आयकर विभाग की कार्रवाई को 8 दिन से ज्यादा हो चुके है। अब आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अभी भी समूह द्वारा सहयोग नही दिया जा रहा है। इसके चलते जांच के लिए पहली बार प्रासेक्यूशन के नोटिस जारी कर बुलाना पड़ रहा है। दूसरी ओर शिशु कुंज स्कूल के डमी ट्रस्ट मनोज दवे के यहां एक करोड़ नकद मिलने के साथ ही इस ट्रस्ट का पूरा फर्जीवाडा शिक्षा के नाम सामने आया है। ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए आयकर विभाग ने प्रक्रिया प्रारंभ की है। आयकर विभाग के सूत्रों का कहना है कि इस स्कूल का जो भवन बना हुआ है उसे बड़े किराये पर दिखाया गया है, जबकि स्कूल से किराये के नाम पर जो पैसा निकाला ही जा रहा है। दो परिवारों के परिजनों के

नाम पर बड़ा वेतन भी इसी स्कूल बिना कार्य के निकाला गया है। लगभग 50 लाख रुपए माह की राशि स्कूल से मेहता और सेठिया परिवार के नाम पर निकल रही है। वही छापे की कार्रवाई के दौरान एक ओर समूह की जानकारी और दस्तावेज मिलने पर वारसी ग्रुप के यहां भी छापे की कार्रवाई की गई। थी। यह समूह निर्माण का कार्य करता है। इसके यहां बड़ी मात्रा में हिसाब किताब के साथ ही 5 किलो सोना मिलने के अलावा 10 किलो सोना दिए जाने का हिसाब भी मिला है।

डिलीट किया डाटा किया रिकवर

आयकर विभाग ने यह भी कहा कि हार्डडिस्क से उडाए गए डाटा की जगह नए डाटा चढ़ा देने के मामले में भी आयकर विभाग ने बड़ी उपलिब्ध हासिल की है। 80 प्रतिशत डाटा रिकवर हो गया है। इधर दलालों के यहां हुई जांच में 5 से अधिक दलाल बड़ी टैक्स चोरी के दायरे में आ गए है। वहीं जिन किसानों से बीसीएम समूह ने जमीनी खरीदी थी और भुगतान किया था ।किसानों के सहयोग नहीं देने के कारण नोटिस भेजकर अब तलब किया गया है कि हालांकि कुछ किसानों ने यह स्वीकार कर लिया है कि उन्होंने नकद राशि ली थी और उससे अन्य जमीन खरीद ली। ऐसी आनमनी का हिस्सा 68 प्रतिशत हो चुका है। आयकर विभाग ने उल्लेखनीय है कि बीसीएम समूह सहित 3 दर्जन ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की थी। आयकर विभाग अगले कुछ दिनों में अब पूरे मामले की परते खोलेगा। सूत्र बता रहे है कि अभी तक 10 करोड़ से अधिक नकद और 20 करोड़ से अधिक को सोना और जेवर जब्त किए गए है। विभाग अब कुल टैक्स चोरी निकालने को लेकर दस्तावेजों की स्क्रूटनी में जुटा हुआ है।