भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों में भी एक साल बाकी है । लेकिन चुनाव के 1 साल पहले किए गए एक मीडिया संस्थान द्वारा किए गए सर्वे में यह बात सामने आई है कि अभी चुनाव होते हैं तो प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के मुकाबले अभी कांग्रेस बढ़त में रहेगी।
“द सूत्र”के चुनावी सर्वे में कांग्रेस को बीजेपी से थोड़ी बढ़त…..मध्य क्षेत्र औऱ मालवांचल में बीजेपी, कांग्रेस से आगे…..ग्वालियर-चंबल में सिंधिया के पाला बदल के बाद भी पिछड़ी बीजेपी
मध्य प्रदेश में यदि अभी विधानसभा चुनाव हों तो सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) मौजूदा 126 विधानसभा सीट में से 55 पर मजबूत स्थिति में है और 56 सीट पर कमजोर है। 16 सीट पर वो बराबरी के मुकाबले में है। दूसरी ओर कांग्रेस मौजूदा 97 सीट में से 61 पर मजबूत है और 22 सीट पर कमजोर हुई है। बाकी 13 सीट पर कांग्रेस बराबरी के मुकाबले में है। यानी प्रदेश में कांग्रेस, बीजेपी की तुलना में थोड़ी बढ़त में है।
ये नतीजे प्रदेश के सबसे बड़े, निष्पक्ष और विश्वसीनीय डिजिटल मीडिया हाउस द सूत्र के चुनावी सर्वे MOOD OF MP-CG 2022 में सामने आए हैं।
मीडिया हाउस के अनुसार सर्वे का मकसद आम जनता का मूड भांपना है
सर्वे में सामने आए नतीजों में बीजेपी प्रदेश के मध्य क्षेत्र (भोपाल-नर्मदापुरम संभाग) और मालवांचल में अभी भी बढ़त बनाए हुए हैं। लेकिन वो ग्वालियर- चंबल अंचल में ज्योतिरादित्य सिंधिया औऱ समर्थक विधायकों के पाला बदल के बाद भी पिछड़ती दिखाई दे रही है। बता दें कि द सूत्र ने पूरे प्रदेश में किए गए ऑफलाइन औऱ ऑनलाइन सर्वे ये जानने के लिए किया था कि यदि प्रदेश में अभी विधानसभा चुनाव हों और पार्टियां पिछले चुनाव (2018) के प्रत्याशियों को ही मैदान में उतारें तो नतीजे क्या होंगे। हालांकि प्रदेश में विधानसभा चुनाव में अभी करीब एक साल का समय बाकी है। इस लिहाज से द सूत्र के सर्वे का मकसद सिर्फ और सिर्फ आम मतदाताओं का मूड भांपना है न कि कोई एग्जिट पोल या राजनैतिक भविष्यवाणी करना।
MP में बीजेपी- 55, कांग्रेस- 61 सीट पर मजबूत, 56 पर बीजेपी, कांग्रेस 22 पर कमजोर
मध्यप्रदेश में विधानसभा की 230 सीटों में से बीजेपी अभी 127 सीट पर काबिज है, जबकि कांग्रेस का 96 सीटों पर कब्जा है। इनके अलावा 2 सीटें बहुजन समाज पार्टी (बसपा) एक समाजवादी पार्टी (सपा) और 4 सीटें अन्य के खाते में हैं। बीजेपी मौजूदा 127 सीटों में से 55 सीट पर मजबूत स्थिति में है, जबकि 56 सीटों पर उसकी स्थिति कमजोर है। बाकी 16 सीटों पर वह बराबर के मुकाबले में है। कांग्रेस की मौजूदा 96 सीटों में से वह 61 सीटों पर मजबूत, 22 पर कमजोर और 13 सीटों पर बराबरी के मुकाबले में है। बसपा मौजूदा 2 सीटों में एक पर मजबूत और दूसरी पर कमजोर स्थिति में है। निर्दलीय या अन्य की बात की जाए तो मौजूदा 4 सीटों में से ये तीन पर कमजोर और एक पर बराबर के मुकाबले में है।
मालवा-निमाड़ में बीजेपी 33, कांग्रेस 30 सीटों पर मजबूत
मालवा निमाड़ क्षेत्र में विधानसभा की कुल 66 सीटें आती हैं। इनमें अभी BJP के खाते में 33 कांग्रेस के खाते में 30 और अन्य के खाते में 3 सीटें है BJP मौजूदा 33 सीटों में से 17 सीटों पर मजबूत है जबकि 13 सीटों पर उसकी स्थिति कमजोर है इस अंचल में 3 सीटों पर वह बराबर के मुकाबले में है BJP का गढ़ माने जाने वाले मालवा निमाड़ अंचल में कांग्रेस सभी 30 सीटों पर काबिज है इनमें से 17 सीटों पर उस उसकी स्थिति मजबूत है जबकि 9 सीटों पर उसकी स्थिति कमजोर है 4 सीटों पर वह बराबर के मुकाबले में है अभी 3 सीटें अन्य के खाते में हैं जिसमें 2पर निर्दलीयों की स्थिति कमजोर है जबकि एक सीट पर बराबरी का मुकाबला है।
महाकौशल में कांग्रेस 18 सीट और बीजेपी 7 सीट पर मजबूत
महाकौशल अंचल में विधानसभा की 38 सीटें आती हैं इनमें BJP 13 सीटों पर काबिज है जबकि कांग्रेस के खाते में 24 सीटें हैं एक सीट पर अन्य का कब्जा है BJP मौजूदा 13 सीटों में से 7 सीटों पर मजबूत 3 पर कमजोर और 3 पर बराबरी के मुकाबले में है दूसरी ओर कांग्रेस मौजूदा 24 सीटों में से 18 सीट पर मजबूत 2 पर कमजोर और 4 सीट पर बराबरी के मुकाबले में है यदि एक अन्य की बात की जाए तो इस सीट पर स्थिति कमजोर है
विंध्य में बीजेपी 4 और कांग्रेस 5 सीट पर मजबूत
प्रदेश के विंध्य क्षेत्र में विधानसभा की 30 सीटें हैं इनमें 24 सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस 6 सीट पर काबिज है BJP की 24 मौजूदा सीटों में से वह 4पर मजबूत 17 सीट पर कमजोर और 3 पर बराबरी की स्थिति में है ।यदि कांग्रेस की बात की जाए तो वह मौत मौजूदा 6 सीट में से 5 पर मजबूत और 1 पर कमजोर स्थिति में है।
बुंदेलखंड में बीजेपी 7 कांग्रेस 3 सीट पर मजबूत
बुंदेलखंड अंचल में विधानसभा की 26 सीटें आती हैं इनमें वर्तमान में बीजेपी 17 कांग्रेस साथ बहुजन समाज पार्टी एक एवं समाजवादी पार्टी एक सीट पर काबिज है BJP की मौजूदा 17 सीट में से 7 पर मजबूत 8 पर कमजोर और 2 सीट पर बराबरी के मुकाबले में है ।कांग्रेस मौजूदा 7 सीटों में से 3 पर मजबूत 2 पर कमजोर और 2 सीटों पर बराबरी की स्थिति में है। बसपा और सपा की मौजूदा एक 1 सीटों में से दोनों पर ही कमजोर स्थिति है
ग्वालियर चंबल में बीजेपी 7, कांग्रेस 11 सीटों पर मजबूत
ग्वालियर चंबल अंचल में विधानसभा की 34 सीटें आती हैं इनमें वर्तमान में बीजेपी के खाते में 16 कांग्रेस के खाते में 17 एवं 1 सीट पर बहुजन समाजवादी पार्टी का कब्जा है। BJP मौजूदा 16 सीटों में से 7 पर मजबूत 6 पर कमजोर और 3 पर बराबरी के मुकाबले में है ।कॉन्ग्रेस मौजूदा 17 सीटों में से 11 पर मजबूत 4 पर कमजोर और 2 सीट पर बराबरी की स्थिति में है ।बहुजन समाजवादी पार्टी एक सीट पर मजबूत स्थिति में है
मध्य क्षेत्र में बीजेपी 13 और कांग्रेस 7 सीट पर मजबूत
प्रदेश के मध्य क्षेत्र यानी भोपाल और नर्मदा पुरम संभाग में विधानसभा की 36 सीटें हैं इनमें मौजूदा स्थिति में बीजेपी के खाते में 24 कांग्रेस के खाते में 12 सीटें हैं। द sootr के सर्वे में BJP मौजूदा 24 सीटों में से 13पर मजबूत स्थिति में है जबकि 9 सीटों पर उसकी स्थिति कमजोर है 2 सीट पर वह बराबरी के मुकाबले में है। वही कॉन्ग्रेस की मौजूदा 12 सीटों में से 7 सीटों पर उसकी स्थिति मजबूत है जबकि 4 सीट पर वह कमजोर स्थिति में है और एक सीट पर बराबरी के मुकाबले में है
कैसे और क्यों किया सर्वे
द सूत्र ने चुनावी सर्वे की शुरुआत 28 नवंबर से की और 12 दिसंबर को सर्वे के नतीजे जारी किए। वो इसलिए कि 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता ने इसी दिन यानी (28 नवंबर 2018) को अगले पांच साल के लिए अपना जनादेश ईवीएम में कैद किया था। इसके बाद 12 दिसंबर 2018 को चुनाव नतीजों के रूप में जनता का जनादेश सामने आया था। इस लिहाज से विधानसभा और विधायकों के कार्यकाल के 04 साल पूरे हो चुके हैं। अब अगले चुनाव के लिए करीब 01 साल का समय ही बचा है। इस लिहाज से द सूत्र ने सर्वे के माध्यम से जानने की कोशिश की कि आखिरकार चुनाव से एक साल पहले प्रदेश में वोटर का मूड क्या है।
60 सीट पर ग्राउंड रिपोर्टिंग से जाना जनता का मिजाज
सर्वे के लिए द सूत्र ने दो तरीके से जनता की नब्ज को टटोली। पहली- ग्राउंड रिपोर्ट के जरिए औऱ दूसरी- ऑनलाइन वोटिंग के जरिए। ग्राउंड रिपोर्ट के लिए द सूत्र की रिपोर्टिंग टीम उन 60 विधानसभा क्षेत्रों में पहुंची जो सिसायत के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण हैं। इनमें टीम ने चुनावी चौपाल में स्थानीय जनता की नब्ज टटोलने के साथ ही प्रमुख राजनीतिक दलों के स्थानीय नेताओं से ये जानने की कोशिश की कि आखिरकार 2018 में विधायक ने जो वादे किए वो कितने पूरे हुए। ये भी जानने का प्रयासकिया कि यदि अभी चुनाव हो तो मौजूदा विधायक के काम से लोग कितने संतुष्ट हैं।
जनता से ऑनलाइन वोटिंग भी कराई गई
प्रदेश के आम मतदाताओं का मूड जानने के दूसरे तरीके में ऑनलाइन वोटिंग कराई गई। इसमें ये जानने का प्रयास किया गया कि यदि अभी चुनाव हुए तो मौजूदा कितने विधायक जीतेंगे। ऑनलाइन सर्वे में लोगों से तीन सवाल पूछे गए। पहला सवाल- आज चुनाव हुए तो कौन जीतेगा। दूसरा सवाल था कि वे मुख्यमंत्री के रूप में किसे पसंद करते हैं। इसमें विकल्प के रूप में दो नाम दिए गए। एक अन्य विकल्प के रूप में जनता को भी अपनी ओर से नाम सुझाने का मौका दिया गया। तीसरे सवाल में जनता को अपने विधायक से सवाल पूछने का मौका दिया गया था।
(साभार द सूत्र)