भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस की राजनीति में एक अहम संकेत तब मिला जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की मुलाक़ात हुई। इस मुलाक़ात के बाद दिग्विजय सिंह ने स्पष्ट कहा कि उनके और कमलनाथ के बीच लगभग 50 वर्षों से पारिवारिक संबंध हैं।

उन्होंने कहा, “राजनीतिक जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं और यह स्वाभाविक भी है। हमने कांग्रेस में रहते हुए हमेशा विचारधारा की लड़ाई एकजुट होकर लड़ी है और आगे भी साथ लड़ते रहेंगे। मतभेद कभी-कभार रहे होंगे लेकिन मनभेद कभी नहीं हुए।”

दिग्विजय सिंह ने यह भी माना कि कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें और कमलनाथ दोनों को पर्याप्त अवसर दिए और जनता का स्नेह हमेशा मिलता रहा। उन्होंने भरोसा जताया कि आगे भी कांग्रेस के नेतृत्व में दोनों नेता मिलकर जनता की सेवा करते रहेंगे।

इस मुलाक़ात और बयान को प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस के भीतर जारी खींचतान के बीच एकता का संदेश माना जा रहा है। पार्टी कार्यकर्ताओं में यह संकेत गया है कि दोनों वरिष्ठ नेता व्यक्तिगत मतभेदों को दरकिनार कर संगठनात्मक मजबूती के लिए एक साथ खड़े हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले चुनावी मौसम में यह तालमेल कांग्रेस की रणनीति और कार्यकर्ताओं के मनोबल पर सकारात्मक असर डाल सकता है।

अपने वक्तव्य का समापन करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा – “जय सिया राम।”