इंदौर।शहर के जाल सभागृह में बुधवार 10 सितम्बर की शाम सुरों की ऐसी महफिल सजी जिसमें संगीतप्रेमी झूम उठे। अवसर था स्वर कोकिला लता मंगेशकर और सुर साम्राज्ञी आशा भोसले के जन्मदिन पर आयोजित सुरमई संध्या का। संगीत सरिता द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम शाम 7 बजे से शुरू होकर रात 9.30 बजे तक चला।
बिना किसी औपचारिकता के प्रारंभ हुए इस कार्यक्रम में लता-आशा के अमर गीतों के साथ मोहम्मद रफी, मुकेश, किशोर कुमार और शैलेन्द्र जैसे दिग्गजों की याद भी ताजा हुई। मंच से एक से बढ़कर एक नगमे पेश किए गए जिनमें पुकारता चला हूं मैं, दिलबर मेरे, गाता रहे मेरा दिल, शोखियों में घोला जाए, ये है रेशमी, छोड़ दो आंचल, ओ हसीना जुल्फों वाली जैसे सदाबहार गीत शामिल रहे।
कार्यक्रम में डॉ. रेणुका मेहता, दिव्या मंडलोई, पुनीता व्यास, श्रद्धा नागर, वंदना नागर, सीए असीम त्रिवेदी, दीपक शर्मा, अश्विनी व्यास और विनोद शंकर नागर ने सुमधुर प्रस्तुतियां दीं। मंच संचालन हर्ष मेहता ने किया।
संगीत संध्या की खासियत यह रही कि इसमें हर उम्र के श्रोता शामिल हुए। सुरों के जादू ने माहौल को सरस और यादगार बना दिया। गीतों पर तालियां गूंजती रहीं और दर्शकों ने कलाकारों का भरपूर उत्साहवर्धन किया।