किसानों को खाद की कमी का सामना करना पड़ रहा, भाजपा के मंत्री झूठे बयान दे रहे

भोपाल। वरिष्ठ कांग्रेसी विधायक और मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने प्रदेश की भाजपा सरकार की घेरेबंदी की। सिंघार ने महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार की कमजोरी दर्शाते हुए अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। चाहे वह किसानों की खाद की समस्या हो, प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव या मजदूरों की सुरक्षा।
खाद की किल्लत पर सरकार की नाकामी बताते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश में लगातार किसानों को खाद की कमी का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन, भाजपा के मंत्री झूठे बयान देकर जनता को गुमराह कर रहे हैं कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि जनहित में, बिना डरे सबको आवाज़ उठानी चाहिए चाहे वो सत्ता पक्ष हो या विपक्ष। सरकार के पास न तो खाद की वास्तविक माँग का कोई आँकड़ा है और न इसके समाधान की कोई ठोस रणनीति। उन्होंने कहा कि अब सवाल यह है कि जब किसानों को खाद के लिए लाठियाँ खानी पड़ रही हैं तो भाजपा का तथाकथित किसान संघ आखिर कहां गायब है?
प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव के बारे में उमंग सिंघार ने कहा कि भाजपा सरकार का खज़ाना पूरी तरह खाली हो गया और वह कर्ज़ में डूबी हुई है। भाजपा ने अपनी ही सरकार का आदेश पलट दिया। प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराना अच्छी बात है। लेकिन, असली कारण यह है कि सरकार के पास खरीदी-बिक्री के लिए पैसे ही नहीं बचे। नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से सवाल किया कि जब चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जा सकते हैं, तो कई सालों से बंद पड़े छात्र संघ चुनावों को अब तक क्यों नहीं शुरू किया गया?

आदिवासी मजदूरों की मौत पर सवाल
धार जिले के पीथमपुर स्थित केमिकल फैक्ट्री में तीन आदिवासी मजदूरों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उमंग सिंघार ने कहा कि यह बेहद शर्मनाक और चिंताजनक घटना है। इंडस्ट्रियल एरिया में आए दिन ऐसी घटनाएँ हो रही हैं। लेकिन, सरकार और प्रशासन केवल जांच के आदेश देकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देते हैं।
उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि क्या प्रदेश में मजदूरों की जान इतनी सस्ती हो गई! क्या सरकार का काम सिर्फ उद्योगपतियों और कंपनियों की रक्षा करना है? उन्होंने कहा कि जिला दंडाधिकारी द्वारा मजिस्ट्रियल जांच के आदेश देकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर दी जाती है, लेकिन असली मुद्दा मजदूरों की सुरक्षा का है। सिंघार ने मांग की कि मृतक मजदूरों के परिवारों को उचित मुआवज़ा दिया जाए और इस हादसे में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।