मथुरा। मथुरा की सदर तहसील के गांव अरहेरा की रहने वाली युवती रुक्मिणी ने बुधवार को कान्हा से शादी की तो इसका गवाह पूरा गांव बना। ग्रामीणों ने कन्या दान किया । रुक्मणि ने कान्हा से पूरे विधि विधान से शादी की।
भगवान कृष्ण और रुक्मिणी के विवाह का यह रोचक मामला अरेहरा गांव का है। गांव के परमानंद रावत के तीन बेटे और एक बेटी है। 25 वर्ष की बेटी रुक्मिणी ने आठवीं तक पढ़ाई की। पूरा घर धार्मिक कार्यों में आगे रहता है। पिता ने बेटी की शादी के लिए लड़का देखना शुरू किया, तो बेटी ने शादी से इन्कार कर दिया, बहुत कहने पर जिद पर अड़ गई और कहा कि वह ठाकुर जी के साथ शादी करेगी।
पिता ने ये बात बरसाना के मान मंदिर के सचिव सुनील सिंह को बताई और कहा कि ठाकुर जी से बिटिया को शादी करनी है। रुक्मिणी की जिद और पिता की विवशता देख सुनील सिंह ने करीब 15 दिन पहले वृंदावन से 20 इंच के ठाकुर जी सेवा के लिए लिए। रुक्मिणी और ठाकुर जी का विवाह तय हुआ। एक सप्ताह पहले हल्दी की रस्म हुई, तो बरसाना में ठाकुर जी को हल्दी लगी और अरेहरा में रुक्मिणी को।
बुधवार को तय समय पर दोपहर 12 बजे ठाकुर जी बैंड बाजा के साथ बरात लेकर 130 साधु-संत और साध्वी अरेहरा पहुंच गया। यहां पर अगवानी के बकायदा ठाकुर जी को बग्घी पर सवार किया गया। बरात लेकर वह रुक्मिणी के घर पहुंचे। यहां एक बगीची में शादी की व्यवस्था की गई।
वैदिक मंत्रों के बीच शादी की रस्म हुईं और दोनों अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए। शादी की सूचना आसपास के ग्रामीणों को हुई तो सैकड़ो लोग घराती बन गए। कन्यादान में सबने अपनी सामर्थ्य अनुसार धनराशि दी। .यहां घराती और बराती के लिए दावत भी थी।
शाम करीब पांच बजे ठाकुर जी रुक्मिणी को ब्याह कर बरसाना ले गए। यहां मान मंदिर में ब्रज के विरक्त संत रमेश बाबा का आशीर्वाद लेकर रुक्मिणी ठाकुर जी को लेकर गुरुवार को अरेहरा आ जाएगी। यहां ठाकुर जी ससुराल में घर जमाई बनकर रहेंगे। साभार