Indore.मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सपनों का शहर होने के बावजूद इंदौर से सन 2013 के बाद कोई भी विधायक मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। एक समय ऐसा भी था जब इंदौर शहर से एक नहीं दो-दो मंत्री सरकार में रहा करते थे ।इंदौर से आखरी बार तेरह साल पहले 2008 और 2013 के कार्यकाल में भारतीय जनता पार्टी की ओर से महेंद्र हडिया को मंत्री बनाया गया था।
इंदौर प्रदेश की आर्थिक राजधानी ही नहीं बल्कि राजनीतिक रूप से भी मालवा का मुख्य शहर रहा है, और यही से ही पूरे मालवा की राजनीति को धार मिलती है।
पिछले 30 सालों में भारतीय जनता पार्टी को इंदौर जिले ने जीत का सेहरा बांधने मे कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन प्रदेश मंत्रिमंडल में इंदौर शहर के विधायकों को शामिल नहीं किया गया ।
अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो एक समय था जब इंदौर दो से विधायक कैलाश विजयवर्गीय और क्षेत्र क्रमांक 4 से विधायक स्वर्गीय लक्ष्मणसिंह गौड़ प्रदेश मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में शामिल किए गए थे। इसके पहले भी ललित जैन और नंदलाल माटा प्रदेश में मंत्री रह चुके हैं। यदि और पीछे का इतिहास देखें तो इंदौर से महेश जोशी और ललित जैन भी मंत्री रहे हैं ।चंद्र प्रभाष शेखर सुरेश सेठ या नारायण प्रसाद शुक्ला को प्रदेश में मंत्री पद दिया गया हो।
हालांकि इंदौर के ग्रामीण सीटों से निर्वाचित होने वाले विधायकों को मंत्री पद जरूर मिला जिनमें स्वर्गीय प्रकाश सोनकर, तुलसी सजावट ,निर्भय सिंह पटेल ,रामेश्वर पटेल कैलाश विजयवर्गीयऔर उषा ठाकुर शामिल है। लेकिन इंदौर शहर की सीटों से महेंद्र हार्डिया के बाद किसी को भी मंत्री का पद नहीं मिला है।