Indore।इंदौर। भूखण्ड पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए उच्च न्यायालय द्वारा बनाई गई कमेटी ने आज अपनी रिपोर्ट उच्च न्यायालय में प्रस्तुत की। इस मामले में जिला प्रशासन द्वारा अभय बेडेकर के तबादले के बाद अन्य अधिकारी की नियुक्ति रिपोर्ट को लेकर नहीं किए जाने पर उच्च न्यायालय ने नाराजगी भी जताई। अब प्रशासन द्वारा तीन का समय मांगने के बाद 22 अगस्त को कमेटी की रिपोर्ट फिर से प्रस्तुत की जाएगी। भूमाफिया रितेश अजमेरा, चिराग शाह और हैप्पी धवन की कालोनियों में फंसे 300 से अधिक पीड़ितों को न्याय मिलना है। सबसे ज्यादा डायरियों को लेकर 10 करोड़ रुपए हड़प करने के मामले में हैप्पी धवन को लेकर शिकायतों का निराकरण नहीं हो पा रहा है।
उच्च न्यायालय के तमाम प्रयास के बाद भी माफियाओं से भूखण्ड पीड़ितों और डायरियों से पैसे लेने वाले माफियाओं को लेकर पिछले दो माह से हर दिन सुनवाई की जा रही है। कमेटी ने मामले के निराकरण को लेकर अथक प्रयास किये है। 255 पीड़ितो को साढ़े तीन माह में सुना गयाहै।
कमेटी को दी गई जानकारी के मुताबिक रितेश अजमेरा के 58 मामलों के निराकरण का शपथ पत्र अभी तक पेश किया गया। दूसरी ओर चिराग शाह के कालिंदी गोल्ड में 47 में से 44 मामलों का निराकरण किया जा चुका है। वहीं फिनिक्स टाउनशिप के मामलों मेंउन्होंने स्पष्ट किया है कि इन मामलों से उनका लेना-देना नहीं हैं। सबसे ज्यादा मामले डायरियों पर करोड़ों रुपए उगाने वाले हैप्पी धवन का है। पहले उन्होंने डायरियों पर हस्ताक्षर होने से इनकार कर दिया था। बाद में हस्ताक्षर विशेषज्ञों की जांच में हस्ताक्षर ओरिजनल पाए गए। अब इसके बाद हैप्पी धवन फिर भी डायरियों के पैसे देने को तैयार नहीं है। आज उच्च न्यायालय में कमेटी द्वारा साढ़े तीन माह में हुए निराकरणों को लेकर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की वहीं प्रशासन की ओर से अभय बेडेकर के उच्च न्यायालय के तमाम प्रयास के निराकरण का शपथ पत्र अभी तक हटने के बाद नए अधिकारी की नियुक्ति नहीं किए जाने पर उच्च न्यायालय ने पूछा की यह कार्य पहले क्यों नहीं किया गया। इस प्रशासन ने तीन दिन का समय अधिकारी की नियुक्ति और रिपोर्ट देने के लिए मांगा। अब अदालत ने 22 अगस्त को रिपोर्ट पेश करने को कहा है।