क्या आपने कभी भारत से लंदन बस से जाने के बारे में सोचा है? दुनिया भर के देशों में बढ़ते विवाद की वजह से अब भले ही आपको यह नामुमकिन लग रहा हो, लेकिन यह सच है कि साल 1950 में कोलकाता से लंदन और लंदन से ऑस्ट्रेलिया के बीच लग्जरी बस सेवा चलती थी। लंदन-कोलकाता दुनिया का सबसे लंबा बस रूट था। यह बस सेवा करीब 1973 तक जारी रही।
इन दिनों सोशल मीडिया पर लंदन-कोलकाता के दिलचस्प रूट की तस्वीरें वायरल हो रही हैं।नवभारत टाइम्स की एक खबर के मुताबिक लंदन से कलकत्ता की बस यात्रा में 45 दिन लगते थे। इसका एक तरफ का किराया उस समय 145 पाउंड था। उस समय के हिसाब से यह किराया बहुत महंगा था।
ये था रूट
कोलकाता आने वाली यह बस लंदन, बेल्जियम, पश्चिम जर्मनी, ऑस्ट्रिया, यूगोस्लाविया, बुल्गारिया, तुर्की, ईरान, अफगानिस्तान, पश्चिम पाकिस्तान होते हुए भारत पहुंचती थी।
पाकिस्तान के मशहूर लेखक सलमान रुश्दी ने लिखा है कि हर रोज जब वे स्कूल से वापस आते थे तो क्रीम और ग्रीन कलर की इस बस को लाहौर के लॉरेंस रोड में धूल खाते देखते थे। उन्होंने लिखा है कि लंदन-कोलकाता की इस बस का इतिहास बहुत भव्य रहा है। यह बस लोगों को जहां तक पहुंचाती थी उन सब जगहों के नाम इस पर लिखे होते थे, मसलन लंदन-पेरिस और कोलकाता।
दुनिया का सबसे लंबा रूट
दुनिया की सबसे लंबी बस यात्रा में 20,000 किलोमीटर का रूट कवर होता था। इस बस का रूट लाहौर से अमृतसर, दिल्ली, आगरा, इलाहाबाद, बनारस होते हुए कलकत्ता था। बस सेवा का साल 1972 में कोलकाता से लेकर लंदन तक का किराया 145 पाउंड था। बाद में यह किराया बढ़ गया,
ये सब शामिल था किराए में
लेकिन कोलकाता-लंदन के इस किराए में बस का भाड़ा, खाना, नाश्ता और रास्ते के होटलों में रुकने की सुविधा शामिल थी।
लंदन की बस में स्लीपिंग बर्थ
कोलकाता-लंदन के बस यात्रियों को स्लीपिंग बर्थ की सुविधा मिलती थी। खिड़की से यात्री बाहर देख सकते थे। लंदन की इस बस में सैलून, किताब पढ़ने की जगह और बाहर देखने के लिए एक खास बालकनी थी।
हवाई जहाज की यात्रा भी
बस के टिकट में लिखा होता था कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच बॉर्डर बंद हुए तो यात्रियों को पाकिस्तान में हवाई जहाज से ले जाया जाएगा।
लंदन बस सेवा की खास बातें
कोलकाता से लंदन जाने वाले लोगों में से बहुत कम लोग 1950 के दशक में उड़ान भरने की क्षमता रखते थे। बस चलाने वाली कंपनियां यात्रियों से उनके पासपोर्ट और 10 फोटो तैयार रखने को कहती थी। कुछ लोग अपना वीजा खुद लगवा लेते थे लेकिन बाकी व्यवस्था बस चलाने वाली कंपनी भी कर देती थी। कुछ बसों में रात को ठहरने की व्यवस्था होती थी, जबकि कुछ होटल के कमरे की व्यवस्था कर लेते थे।
सफर में आपके घर की तरह का आराम
इस रूट पर चलने वाली एक बस पूरी तरह एयर कंडीशन थी जबकि एक बस का टैगलाइन था सफर में आपके घर की तरह का आराम।
सीमा विवाद का असर
कोलकाता और लंदन के बीच चलने वाली इस बस का रूट नया नहीं था। यह ओरिएंटल एक्सप्रेस ट्रेक था। लंदन से कोलकाता आने के लिए बहुत से लोग उस समय इस बस की यात्रा करना चाहते थे। बाद में जब पाकिस्तान के साथ विवाद बढ़ा तो अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बॉर्डर पर लोगों को दिक्कत होने लगी। उसके बाद काबुल तक इस बस से लोग आते और वहां से अमृतसर के लिए फ्लाइट लेकर ट्रेन से कोलकाता चले जाते थे।