इस बात में कोई शक नहीं कि आज तकनीक (Technology) ने बहुत प्रगति कर ली है। यह तकनीक की प्रगति का ही नतीजा है कि दुनिया की सारी जानकारी हमारे एक क्लिक (Click) या टच (Touch) पर उपलब्ध हो जाती है, लेकिन जब तकनीक का विकास इतना नहीं हुआ था, तब लोगों तक जानकारी पहुंचाने का पूरा श्रेय रेडियो और अखबारों को ही जाता है। भारत में, रेडियो के महत्व से लोगों को अवगत कराने के लिए हर साल 23 जुलाई को राष्ट्रीय प्रसारण दिवस (National Broadcasting Day) मनाया जाता है।
रेडियो भारत में लोगों के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। यह भारत के दूरस्थ क्षेत्रों में अभी भी समाचारों के साथ मनोरंजन का एक आसान माध्यम है। यह इसलिए मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन साल 1927 में पहली बार देश में एक निजी कंपनी के तहत बॉम्बे स्टेशन (Bombay Station) से रेडियो का प्रसारण शुरू हुआ था।
भारत में रेडियो प्रसारण 1923 और 1924 में बंबई, कलकत्ता (Calcutta) और मद्रास अब चेन्नई में रेडियो क्लबों की स्थापना के साथ निजी पहल के रूप में शुरू हुआ। हालांकि, वित्तीय बाधाओं के कारण इन स्टेशनों को जल्दी ही बंद करना पड़ा। इसके बाद भारत सरकार और इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी लिमिटेड (Indian Broadcasting Company Limited) नामक एक निजी कंपनी के बीच एक समझौते के जरिए जुलाई 1927 में बॉम्बे में और एक महीने बाद कलकत्ता में प्रायोगिक आधार पर रेडियो की एक प्रसारण सेवा शुरू की गई।
हालांकि, जल्दी ही इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी भी बंद हो गई। कंपनी बंद होने से प्रसारण ठप हो गया। जिससे जनता में आक्रोश आया और प्रदर्शन करने लगे। आक्रोश को शांत करने के लिए सरकार ने 1 अप्रैल, 1930 को प्रसारण का कार्यभार अपने हाथ में ले लिया और इसका नाम बदलकर इंडियन स्टेट ब्रॉडकास्टिंग सर्विस (ISBS) कर दिया।1936 में दिल्ली में एक नया रेडियो स्टेशन स्थापित किया गया था। उसी वर्ष 8 जून को भारतीय प्रसारण सेवा को एक नई सिग्नेचर ट्यून के साथ ऑल इंडिया रेडियो (AIR) के रूप में पुनः ब्रांडेड किया गया था। दिल्ली स्टेशन अंततः राष्ट्रीय स्तर के प्रसारण के केंद्र में विकसित हुआ।
बहरहाल, 23 जुलाई को राष्ट्रीय प्रसारण दिवस के अवसर पर हमारी ओर से हार्दिक बधाई एवं बहुत शुभकामनाएं। प्रतुति प्रवीण नागदिवे