इंदौर (कुलदीप भावसार,) । ग्रीन बांड जारी कर देशभर में वाहवाही लूटने वाले इंदौर नगर निगम ने ग्रीन बांड से मिला पैसा सोलर प्लांट स्थापित करने में लगाने के बजाय बैंक में फिक्स डिपाजिट करा दिया।और उस पर रोज करीब पौने पांच लाख ब्याज कमा रहा है

इंदौर नगर निगम को ग्रीन बांड जारी किए पांच महीने बीत चुके हैं, लेकिन सोलर प्लांट स्थापित करना तो दूर अब तक इसे स्थापित करने वाली एजेंसी ही तय नहीं हुई है।

लोगों से जमा कराए 244 करोड़ रुपये पर निगम को रोज करीब पौने पांच लाख रुपये ब्याज मिल रहा है।

नगर निगम पर भरोसा कर ग्रीन बांड में पैसा निवेश करने वाले निवेशक ऐसे में खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि उन्होंने निगम को पैसा जलूद में सोलर प्लांट स्थापित करने के लिए दिया था या बैंक में एफडी कराने के लिए।
जलूद पंपिंग स्टेशन पर सोलर प्लांट लगाने के नाम पर नगर निगम ने फरवरी 2023 में ग्रीन बांड जारी किए थे। इस ग्रीन बांड के जरिए इंदौर नगर निगम ने 244 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन लोगों के भरोसे के चलते ग्रीन बांड ओवर सब्सक्राइब हुआ और करीब ढाई गुना ज्यादा लोगों ने निवेश में रुचि दिखाई। जनता से जुटाई रकम से निगम को जलूद में सोलर प्लांट स्थापित करना है ताकि पंपिंग स्टेशन का बिजली खर्च कम हो सके।
वर्तमान में निगम को प्रतिवर्ष करीब 300 करोड़ रुपये बिजली खर्च आता है। जनता को उम्मीद थी कि ग्रीन बांड लिस्टेड होते ही निगम जलूद में सोलर प्लांट लगाने का काम शुरू कर देगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कई बार निविदाएं बुलाने के बावजूद अब तक वो एजेंसी ही तय नहीं हो सकी जो सोलर प्लांट लगाकर देगी।