अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष में मिलेट्स का बाज़ार भी विस्तृत

इंदौर/ सेलम . पिछले तीन दिनों में साबूदाने के थोक दामों में जो चार-पांच सौ रुपए प्रति क्विंटल की तेजी आई है, वह अप्रत्याशित नहीं है। इसी प्रकार की या इससे मिलती जुलती तेज़ी आगे भी बनी रहने की संभावना है। ये कहना है साबु ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड, सेलम के चेयरमेन श्री गोपाल साबु का, जो सच्चामोती, सच्चासाबु एगमार्क साबूदाने के उत्पादक और विषय विशेषज्ञ हैं।
श्री साबु ने बताया कि महाशिवरात्रि में साबुदाने की अच्छी खपत हो जाने से स्टॉकिस्टस के पास स्टाक अपने न्यूनतम स्तर पर है वहीँ दूसरी ओर उत्पादक केन्द्र सेलम में कंद की आवक कम हुई है, जिसके चलते साबुदाना उत्पादन कम हुआ है. आने वाले समय में होली, चैत्र नवरात्रि, सावन में एक महीना अधिक मास होने के कारण साबूदाना की अच्छी बिक्री की सम्भावना के चलते मांग में तेज़ी देखने को मिल रही है। एक गौर करने लायक बात यह भी है कि सेलम सागो सर्व सोसाइटी में भी तैयार स्टॉक गत वर्षों की तुलना में बहुत ही कम है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इस वर्ष हिन्द महासागर में एल्विनो तूफ़ान की सम्भावना के कारण मानसून खराब हो सकता है, यदि ऐसा हुआ तो कसावा कंद जिससे साबूदाना तैयार किया जाता है, उसकी आगामी फसल को नुकसान पहुंचेगा। श्री साबु का कहना है कि इस संभावना के चलते भी कंद के भावों में बढौतरी होने के मौके बनेंगे।


श्री साबु ने कुकरीजॉकी मिलेट्स के बारे में बताया कि अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष में फैली जागरूकता से मिलेट्स का बाज़ार काफी बढ़ा है और आगे भी बड़ी संभावनाएं हैं. साबु के “कुकरीजॉकी”® ब्रांड में पाँच वैरायटी के विशेष गुणकारी पोषक मिलेट (भगर, कोदरा, झंगोरा, कंगनी और रागी) को लोगों ने दो दो दिन के अंतराल से बदल – बदल कर लगातार उपयोग करने पर सिर्फ पंद्रह दिन में ही अपने स्वास्थ्य में आश्चर्यजनक सुधार पाया।
लोगों से साबु के इन गुणकारी मिलेट उत्पादों को बहुत ही अच्छा प्रतिसाद मिला है। उपभोक्ताओं को मिलेट सम्बंधित जानकारी देने के लिए, साबु ट्रेड ने गत नवरात्रि में हिन्दी में एक लघु पुस्तिका प्रकाशित कर विभिन्न जगहों पर स्वादिष्ट फरियाली खिचडी के साथ निःशुल्क वितरित की थी। विश्व में भारत मिलेट का मुख्य उत्पादक देश होने के कारण भारत से सभी प्रकार के मिलेट का निर्यात भी इस वर्ष तेजी से बढ़ने की संभावना है।