इंदौर।भारतीय प्रवासी सम्मेलन में आए प्रवासी मेहमानों का स्वागत करते हुए भारतीय विदेश मंत्री  डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा कहे गए वाक्य “हमारा तो खून का रिश्ता है – पासपोर्ट का नहीं”। इस विचार ने प्रवासी भारतीय सम्मेलन के विचार को बल दिया। हम हर 2 साल में एक परिवार की तरह मिलते हैं। आजादी के अमृत काल में हो रहे इस सम्मेलन में हम स्वतंत्रता के 100 वर्ष अर्थात वर्ष 2047 तक के रोड मैप पर विचार करें। केंद्रीय मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने मुख्यमंत्री श्री चौहान का प्रदेश में प्रवासी भारतीय सम्मेलन के लिए श्रेष्ठतम सद्भावना और सर्वोत्तम आवभगत के साथ स्वागत के लिए आभार माना। केन्द्रीय मंत्री डॉ. जयशंकर ने कहा कि विश्व में सर्वाधिक प्रवासी भारत के हैं। कोविड के कठिन काल में भारत ने वैक्सीन मैत्री और वंदे भारत मिशन से संपूर्ण विश्व में सद्भावना का विस्तार किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में बढ़ी डिजिटल डिलीवरी और अधो-संरचना गतिविधियों के विस्तार ने भारतीयों के आत्म-विश्वास में वृद्धि की है। देश में सकारात्मकता का वातावरण है। भारत रहने, कार्य करने और पर्यटन के लिए बेहतर देश के रूप में उभर रहा है। डॉ. एस. जयशंकर ने विदेश मंत्रालय द्वारा प्रवासी भारतीयों को दी जा रही सुविधाओं और उनसे संबंधित कार्यों की प्रक्रियाओं के सरलीकरण के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी भी दी।