इंदौर. एक मिनट में जिंदगी नहीं बदलती, पर एक मिनट में सोचकर लिया गया फैसला पूरी जिंदगी बदल देता है। केवल किस्मत के भरोसे मत  बैठे रहिए। जीवन में योग्यताओं को हासिल कीजिए। किस्मत से कागज का तो उड़ सकता है, पर पतंग तो काबिलियत से ही उड़ेगी।

भाग्य हाथ की रेखाओं में नहीं, कि अपितु व्यक्ति के पुरुषार्थ में छिपा है।  इस दुनिया में नसीब तो उनका भी होता है जिनके हाथ नहीं होते। हार और जीत हमारी सोच पर निर्भर है। मान लिया तो हार और ठान लिया तो जीत। यह विचार संत ललितप्रभ सागर महाराज ने सोमवार को प्रगति विहार में आयोजित प्रवचन कार्यक्रम में व्यक्त किए।

उन्होंने कहा कि लोग कहते  हैं, जब कोई अपना दूर चला जाता है तो तकलीफ होती है। परंतु असली  तकलीफ तब होती है जब कोई  अपना पास होकर भी दूरियां बना लेता है।  किसी को सजा देने से पहले दो मिनट रुकिए। याद रखिए, अगर आप किसी की एक गलती माफ करेंगे, तो भगवान  आपकी सौ गलतियां माफ करेगा।